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50. इक्ष्वाकुवंशीय राजाओं का वर्णन

इक्ष्वाकुवंशीय

इक्ष्वाकुवंशीय राजाओं का अनुक्रम

अब मैं भविष्य में होने वाले इक्ष्वाकुवंशीय राजाओं का वर्णन करता हूँ ॥ बृहद्बल का पुत्र बृहत्क्षण होगा, उसका उरुक्षय, उरुक्षय का वत्सव्यूह, वत्सव्यूह का प्रतिव्योम का दिवाकर, दिवाकर का सहदेव का बृहदश्व, बृहदश्व का भानुरथ, भानुरथ का प्रतीताश्व, प्रतीताश्व का सुप्रतीक, सुप्रतीक का मरुदेव, मरुदेव का सुनक्षत्र, सुनक्षत्र का किन्नर, किन्नर का अन्तरिक्ष, अन्तरिक्ष का सुपर्ण, सुपर्ण का अमित्रजित्, अमित्रजित्का बृहद्राज, बृहद्राज का धर्मी, धर्मी का कृतंजय, कृतंजय का रणंजय, रणंजय का संजय, संजय का शाक्य, शाक्य का शुद्धोदन, शुद्धोदन का राहुल, राहुल का प्रसेनजित्, प्रसेनजित्का क्षुद्रक, क्षुद्रक का कुण्डक, कुण्डक का सुरथ और सुरथ का सुमित्र नामक पुत्र होगा।

इक्ष्वाकुवंशीय शासनकाल

ये सब इक्ष्वाकु के वंश में बृहद्बल की सन्तान होंगे ॥ इस वंश के सम्बन्ध में यह श्लोक प्रसिद्ध है॥ 

‘यह इक्ष्वाकुवंश राजा सुमित्र तक रहेगा, क्योंकि कलियुग में राजा सुमित्र के होने पर फिर यह समाप्त हो जायगा’ ॥ 

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