कान का दर्द क्या हैं?
कान का दर्द अक्सर कान के अंदरी भाग में इंफेक्शन, वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन, या यहाँ तक कि कान के बाहरी हिस्से में बीमारी से होता है। यहाँ तक कि अधिक ध्वनि के कारण भी हो सकता है |
कान दर्द से राहत की सामग्री और विधि –
लहसुन की एक गाँठ में से दो कली लेकर छिलका और झिल्ली उतार लें। दो चम्मच सरसों के तेल में डालकर हल्की-हल्की आंच पर गर्म करने के लिए रखें। जब लहसुन जलने लगे और काला पड़ने लगे तब तेल की कटोरी आग से उतारकर तेल को कपड़छान कर लें अथवा निथरे हुए गुनगुने तेल को रुई के फाहे से कान में सुहाता-सुहाता दो-चार बूँद डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है।
विशेष-
यदि कान में कीड़ा चला गया हो तो वह मरकर अपने आप बाहर निकल आता है और दर्द बन्द हो जाता है। यदि कान बहता हो तो लहसुन के साथ नीम की दस पन्द्रह कोपलें या पाँच सात पत्तियाँ भी औटाएँ। तत्पश्चात् दो बूँद रात को सोने से पहले कुछ दिन डालते रहने से कान का जख्म और कान का बहना ठीक हो जाता है।
विकल्प-
प्याज का रस तनिक-सा गर्म करके दो-तीन बूँद कान में डालने से कान का दर्द तुरन्त दूर हो जाता है। प्याज को कूट पीसकर मलमल के कपड़े से निचोड़ कर रस निकालें और इस प्याज के रस को थोड़ा सा गर्म करके दो-तीन बूँद कान में सुहाता-सुहाता डालें। कान में कैसा भी दर्द हो, आराम होगा।
विशेष-
इससे ऊँचा सुनना, कान में भिनभिनाहट तथा शायं-शायं की आवाज तथा कान का बहना आदि रोगों में भी लाभ होता है। कान के कीड़े भी नष्ट होते हैं |