चेहरे और मुखमण्डल का सौन्दर्य की सामग्री –
1. नींबू का रस (दो बार कपड़े से छाना हुआ) १० ग्राम
2. ग्लीसरीन १० ग्राम
3. गुलाबजल १० ग्राम
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विधि–
तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर एकरस करके रख लें। इस लोशन को प्रतिदिन रात सोने से पहले चेहरे पर हल्के-हल्के मलने से चेहरा रेशम के समान कोमल और सुन्दर बनता है। चेहरे के दाग, कील, झाइयाँ, मुँहासे दूर होकर मुखमण्डल की रंगत निखरती है। पन्द्रह-बीस दिन के इस्तेमाल से ही कील-मुँहास दूर होकर चेहरे का रंग साफ हो जाता है और चेहरा मुलायम बन जाता है।
विशेष-
(१) नींबू के रस में रोमकूपों को साफ कर उनमें भरे मैल को निकालने की विलक्षण क्षमता है। इस कारण भी त्वचा अधिक स्वच्छ, सुन्दर, अधिक मुलायम और कांतिमान बन जाती है।
(२) अधिक महगे बाजारू लोशनों के स्थान पर नींबू रस से बना हुआ यह लोशन श्रेष्ठ सिद्ध हुआ है क्योंकि शीत ऋतु की बर्फीली हवाओं से त्वचा की रक्षा करने का अपूर्व गुण इसमें विद्यमान है। इसे हर ऋतु में रात्रि को सोते समय चेहरे व हाथों पैरों पर लगा सकते हैं। शीत ऋतु में दिन में भी लगा सकते हैं। इससे मुखमण्डल गोरा व तेजस्वी होने लगता है।
(३) मुँहासों पर यदि ग्लिसरीन न भी हो तो केवल नींबू का रस और गुलाबजल मिलाकर रात्रि सोने से
पहले मलने से भी मुँहासे दूर होंगे और दाग भी नहीं पड़ेंगे।
सहायक उपचार–
(१) सौंदर्यवर्धक रस-गाजर तीन भाग, टमाटर दो भाग, चुकन्दर एक भाग का रस निकालकर आधा गिलास नित्य लगातार कम-से-कम पन्द्रह-बीस दिन पिया जाये तो चेहरे की झुर्रियाँ, छाया, दाग, मुँहासे दूर होकर चेहरा सुन्दर और टमाटर की तरह लाल हो जाता है अथवा इसके स्थान पर केवल गाजर का रस या सन्तरे का रस भी लिया जा सकता है। गाजर का रस इस प्रकार नित्य एक सप्ताह पीने से पेट की कीड़े निकल जाते हैं। अम्लरोग भी ठीक होता है।
रस का सेवन दिन में तीन-चार बजे करना उत्तम है। इसके आगे-पीछे कम से कम एक घंटे कुछ खाए पीएँ नहीं। कम से कम पन्द्रह-बीस दिन रसपान करें। दो मास तक कर सकें तो फिर कहना ही क्या।