51. भविष्य में होने वाले राजाओं का वर्णन

भविष्य में होने वाले राजाओं का वर्णन 

परीक्षित् के वंशज

भविष्य में होने वाले राजाओं का वर्णन करता हूँ ॥  इस समय जो परीक्षित् नामक महाराज हैं इनके जनमेजय, श्रुतसेन, उग्रसेन और भीमसेन नामक चार पुत्र होंगे ॥

जनमेजय के वंशज

जनमेजयका पुत्र शतानीक होगा जो याज्ञवल्क्यसे वेदाध्ययन कर, कृपसे शस्त्रविद्या प्राप्त कर विषम विषयों से विरक्तचित्त हो महर्षि शौनक के उपदेश से आत्मज्ञान में निपुण होकर परमनिर्वाण-पद प्राप्त करेगा ॥  शतानीक का पुत्र अश्वमेधदत्त होगा ॥  उसके अधिसीमकृष्ण तथा अधिसीमकृष्ण के निचक्नु नामक पुत्र होगा जो कि गंगाजीद्वारा हस्तिनापुर के बहा ले जाने पर कौशाम्बीपुरी में निवास करेगा ॥  

जनमेजय के वंशज

निचक्नु का पुत्र उष्ण होगा, उष्ण का विचित्ररथ, विचित्ररथका शुचिरथ, शुचिरथका वृष्णिमान्, वृष्णिमानका सुषेण, सुषेणका सुनीथ, सुनीथका नृप, नृपका चक्षु, चक्षुका सुखावल, सुखावलका पारिप्लव, पारिप्लवका सुनय, सुनयका मेधावी, मेधावीका रिपुंजय, रिपुंजयका मृदु, मृदुका तिग्म, तिग्मका बृहद्रथ, बृहद्रथका वसुदान, वसुदानका दूसरा शतानीक, शतानीकका उदयन,

उदयनका अहीनर, अहीनरका दण्डपाणि, दण्डपाणिका निरमित्र तथा निरमित्रका पुत्र क्षेमक होगा।

प्रसिद्ध श्लोक

इस विषयमें यह श्लोक प्रसिद्ध है—

 जो वंश ब्राह्मण और क्षत्रियोंकी उत्पत्तिका कारणरूप तथा नाना राजर्षियोंसे सभाजित है वह कलियुगमें राजा क्षेमके उत्पन्न होनेपर समाप्त हो जायगा ॥ 

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