मंत्रों का अर्थ होता है विचारों और शब्दों का एक विशेष समूह जो आध्यात्मिक और मानसिक ऊर्जा को संवारने में सहायक होता है। ये विशेष शब्द या फ्रेज़ अक्सर ध्यान और ध्यान की अवस्था में उच्च मान्यता रखते हैं, जिनका उच्चारण या जप व्यक्ति को आत्मा के संबंध में गहराई से जोड़ने में मदद करता है।
मंत्रों का प्रयोग ध्यान, मेधा, और आध्यात्मिक विकास के लिए किया जाता है। इनके माध्यम से मन को शांत, संतुलित और ऊर्जावान बनाया जाता है। मंत्र जाप के माध्यम से व्यक्ति की चिंतनशक्ति में सुधार होता है और उसकी मानसिक क्षमता में वृद्धि होती है।
विभिन्न संस्कृति और धर्मों में अनेक प्रकार के मंत्र प्रचलित हैं, जो अपने उद्देश्य और उपयोग के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। ये मंत्र ध्यान, उन्नति, सुख-शांति और स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं और अनेक लोगों द्वारा उनका मान्यता पूर्ण उपयोग किया जाता है।
Table of Contents
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1. सुबह उठते ही अपनी दोनों हथेलिया देखकर ये मन्त्र बोले:-
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वति।
करमूले तु गोविन्द: प्रभाते करदर्शनम् ।।
2. धरती पर पैर रखने से पहले ये मंत्र बोलें:-
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्वसे ॥
3. दातून (मजन) से पहले ये मंत्र बोलें:-
आयुर्बल यशों वर्च: प्रजा: पशुवसूनि च।
ब्रहम पज्ञा च मेधाम् च त्वम् नो देहि वनस्पते।।
4. नहाने से पहले ये मंत्र बोलें:-
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु ॥
5. सूर्य को अर्घ्य देते समय ये मंत्र बोलें:-
ॐ भास्कराय विद्महे, महातेजाय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात।
6. भोजन से पहले ये मंत्र बोलें:-
ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्य करवावहै ।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्तिः शान्ति शान्तिः॥
अन्नपूर्ण सदापूर्ण शकर पाण वल्लभे ।
जान वैराग्य सिद्धयर्थ भिखा देहि च पार्वति ।।
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्य ब्रहमकर्म समाधिना ।।
7. भोजन के बाद ये मंत्र बोले:-
अगस्त्यम कुम्भकर्णम च शनि च बहवानलनमा ।
भोजनम् परिपाकारथ स्मरेत भीमम् च पंचम् ।।
अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नराभव ।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः ।।
8. अध्ययन (पढाई) से पहले ये मंत्र बोलें (सरस्वती मत्र):-
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णा सस्मिता सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्ट श्रीयुक्तविग्रहाम्।
9. शाम को पूजा करते वक्त ये मंत्र बोलें (गायत्री मंत्र) :-
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्य ।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
10. रात को सोने से पहले ये मंत्र बोलें (विशेष विष्णु शयन मत्र):-
अच्युतं केशव विष्णु हरि सोम जनार्दनम्।
हसं नारायण कृष्ण जपते दु:स्वप्रशान्तये |
FAQ’S
सुबह उठते ही मंत्र बोलने का क्या महत्व है?
सुबह उठते ही मंत्र बोलना दिन की सकारात्मक शुरुआत के लिए आवश्यक माना जाता है। ये मंत्र हमें मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे दिनभर की गतिविधियों में सफलता प्राप्त होती है।
सुबह उठते ही अपनी दोनों हथेलिया देखकर ये मन्त्र बोले:-
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वति।
करमूले तु गोविन्द: प्रभाते करदर्शनम् ।।
धरती पर पैर रखने से पहले मंत्र बोलने का क्या लाभ है?
धरती पर पैर रखने से पहले मंत्र बोलने से धरती माता का सम्मान होता है और यह हमारे मन को शुद्ध एवं शांत रखने में सहायक होता है। यह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है।
धरती पर पैर रखने से पहले ये मंत्र बोलें:-
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्वसे ॥
भोजन से पहले और बाद में मंत्र बोलने का क्या कारण है?
भोजन से पहले और बाद में मंत्र बोलने से भोजन पवित्र होता है और हमें शारीरिक और मानसिक संतुलन मिलता है। यह आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
नहाने से पहले मंत्र बोलने का क्या महत्व है?
नहाने से पहले मंत्र बोलने से जल को पवित्र माना जाता है। यह हमारे शरीर और आत्मा को शुद्ध करने में मदद करता है और हमें सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर करता है।
नहाने से पहले ये मंत्र बोलें:-
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु ॥
गायत्री मंत्र शाम को पूजा के समय क्यों बोला जाता है?
गायत्री मंत्र अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इसे शाम के समय पूजा में बोलने से मन की शुद्धि और ध्यान की गहराई में वृद्धि होती है। यह हमें आत्मिक उन्नति और आंतरिक शांति प्रदान करता है।
शाम को पूजा करते वक्त ये मंत्र बोलें (गायत्री मंत्र) :-
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्य ।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
रात को सोने से पहले मंत्र बोलने का क्या महत्व है?
रात को सोने से पहले मंत्र बोलने से दिनभर की थकान मिटती है और मन को शांति मिलती है। यह मंत्र हमें दु:स्वप्नों से बचाता है और गहरी और शांतिपूर्ण नींद में मदद करता है।
रात को सोने से पहले ये मंत्र बोलें (विशेष विष्णु शयन मत्र):-
अच्युतं केशव विष्णु हरि सोम जनार्दनम्।
हसं नारायण कृष्ण जपते दु:स्वप्रशान्तये ||