गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस साल यह पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा।
यह पर्व भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी की पूजा से समृद्धि, सुख-शांति, और विघ्नों से मुक्ति की प्राप्ति होती है।
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गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए जरूरी सामग्री तैयार रखें: गणेश जी की मूर्ति, कलश, आम के पत्ते, नारियल, रोली, कुमकुम, फूल, माला, मोदक, और लड्डू।
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्तियाँ विभिन्न आकार और डिज़ाइन में स्थापित की जाती हैं। ये मूर्तियाँ घरों और सार्वजनिक स्थानों पर सजायी जाती हैं।
गणेश चतुर्थी के विसर्जन का उद्देश्य भगवान गणेश को उनके निवास स्थान पर वापस भेजना और उनके आशीर्वाद को जीवन में बनाए रखना है। विसर्जन के दिन बड़े जुलूस निकाले जाते हैं।
गणेश चतुर्थी पर मोदक, लड्डू और अन्य पारंपरिक मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। मोदक गणेश जी की प्रिय मिठाई है और इसे इस पर्व पर विशेष रूप से तैयार किया जाता है।
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की मूर्ति को सजाना, धूप-दीप लगाना, भजन-कीर्तन करना, और पूजा सामग्री अर्पित करना शामिल है। पूजा के अंत में गणेश जी की आरती की जाती है।
व्रत रखने वाले भक्त गणेश जी की पूजा करते हैं, विशेष भोजन का सेवन करते हैं, और अपने पापों से मुक्ति पाने की प्रार्थना करते हैं।