दीवाली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व

हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाए जाने वाले दीवाली के पर्व का विशेष महत्व है। दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा का विधान है, जो धन, वैभव, समृद्धि और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। इस पूजा के माध्यम से लोग अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। माना जाता है कि दीवाली की रात माँ लक्ष्मी धरती पर आती हैं और जो लोग विधिपूर्वक उनका पूजन करते हैं, उनके घर को धन-धान्य से भर देती हैं।

दीवाली और लक्ष्मी पूजा का संबंध

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दीवाली का पर्व भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी में मनाया जाता है। राम के अयोध्या लौटने पर नगरवासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे। इसके अतिरिक्त, इस दिन समुद्र मंथन से माँ लक्ष्मी का प्राकट्य भी हुआ था। इसलिए, दीवाली की रात को देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है।

लक्ष्मी पूजा का महत्व और धार्मिक मान्यता

लक्ष्मी पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसे केवल धार्मिक अनुष्ठान के रूप में ही नहीं बल्कि घर के सदस्यों के मनोबल और परिवार में एकजुटता बनाए रखने के एक साधन के रूप में भी देखा जाता है। यह पूजा धार्मिक नियमों के अनुसार की जाती है और विशेष ध्यान रखा जाता है कि पूजा के समय मन और स्थान दोनों शुद्ध हों।

लक्ष्मी पूजा की विधि

लक्ष्मी पूजा विधि अत्यंत सरल और प्रभावी है। नीचे दिए गए चरणों का पालन कर आप भी सही तरीके से माँ लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं:

  • साफ-सफाई: सबसे पहले पूरे घर की सफाई करें। ऐसा माना जाता है कि साफ-सुथरे घर में ही माँ लक्ष्मी वास करती हैं।
  • पूजा स्थान तैयार करें: पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान का चयन करें और वहाँ एक लकड़ी का पाट बिछाएं। पाट पर माँ लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति रखें।
  • पूजा सामग्री की व्यवस्था करें: हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल, धूप, दीपक, मिठाई, फल, और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) आदि सामग्री को व्यवस्थित करें।
  • माँ लक्ष्मी का आह्वान करें: माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुए उन्हें आह्वान करें और फिर विधिपूर्वक पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक के बाद, माँ लक्ष्मी को कुमकुम, चावल और फूल चढ़ाएं।
  • दीप जलाएं और आरती करें: पूजा की समाप्ति पर घी का दीप जलाएं और माँ लक्ष्मी की आरती करें।

लक्ष्मी पूजा के लाभ

  1. धन और समृद्धि का वरदान: माँ लक्ष्मी की पूजा से व्यक्ति के जीवन में धन और वैभव का आगमन होता है।
  2. सकारात्मक ऊर्जा: पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
  3. परिवार में शांति: इस पूजा के माध्यम से परिवार में सुख-शांति और एकता बनी रहती है।
  4. व्यापार में सफलता: माँ लक्ष्मी के आशीर्वाद से व्यवसाय में प्रगति होती है और आर्थिक संकटों का निवारण होता है।

लक्ष्मी पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें

  • पूजा के दिन घर के किसी भी सदस्य को क्रोध नहीं करना चाहिए और न ही किसी से वाद-विवाद करना चाहिए।
  • लक्ष्मी पूजा के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें और नित्य नियमों का पालन करें।
  • दीवाली की रात अधिक से अधिक दीयों का प्रज्वलन करें, ताकि घर में उजाला और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
  • माँ लक्ष्मी की मूर्ति को कुमकुम और अक्षत से पूजें और संभव हो तो पीले वस्त्र पहनकर पूजा करें।

लक्ष्मी पूजा के दिन किए जाने वाले अन्य कार्य

  • धनतेरस पर नई वस्त्र और आभूषण खरीदना: धनतेरस के दिन वस्त्र और आभूषण खरीदने का विशेष महत्व है। इसे शुभ और माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का प्रतीक माना जाता है।
  • दियों का प्रज्वलन: दीवाली पर दीप जलाने का प्रचलन है, जिससे अंधकार दूर होता है और माँ लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है।
  • खील-बताशे और मिष्ठान का भोग: लक्ष्मी पूजा के बाद खील-बताशे और मिष्ठान का भोग लगाकर इसे प्रसाद के रूप में वितरण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

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लक्ष्मी पूजा के दौरान अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

लक्ष्मी पूजा के लिए किस समय का चयन करना चाहिए?

दीवाली के दिन संध्याकाल में शुभ मुहूर्त के अनुसार लक्ष्मी पूजा करनी चाहिए। अमावस्या की रात्रि में विशेषकर लक्ष्मी पूजन का महत्व है।

क्या लक्ष्मी पूजा के लिए विशेष मंत्रों का उपयोग करना आवश्यक है?

हाँ, लक्ष्मी पूजन में विशेष मंत्रों का उपयोग किया जाता है। जैसे – ‘ॐ महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप शुभ माना गया है।

क्या लक्ष्मी पूजा में गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिए?

जी हाँ, लक्ष्मी पूजा से पहले गणेश जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। गणेश जी को प्रथम पूज्य माना जाता है और बिना उनके पूजन के कोई भी पूजा पूर्ण नहीं होती।

क्या दीवाली पर लक्ष्मी पूजा करने से ही धन की प्राप्ति होती है?

लक्ष्मी पूजा व्यक्ति की श्रद्धा, समर्पण और उसकी सकारात्मक सोच का प्रतीक है। धन की प्राप्ति व्यक्ति के कर्मों पर भी निर्भर करती है।

क्या लक्ष्मी पूजा केवल व्यापारी लोग ही कर सकते हैं?

नहीं, लक्ष्मी पूजा केवल व्यापारी ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति कर सकता है जो धन, समृद्धि और परिवार में शांति की कामना करता है।

क्या लक्ष्मी पूजन के बाद दीपक जलाना अनिवार्य है?

जी हाँ, लक्ष्मी पूजन के बाद दीपक जलाना अनिवार्य है क्योंकि दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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Megha patidar is a passionate website designer and blogger who is dedicated to Hindu mythology, drawing insights from sacred texts like the Vedas and Puranas, and making ancient wisdom accessible and engaging for all.

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