पौष मास: व्रत और त्यौहार का पवित्र महीना 

By Megha Patidar

पौष मास, भगवान सूर्य को समर्पित एक पवित्र महीना है। इसमें व्रत, दान, और त्यौहार मनाने से पुण्य और शांति मिलती है।

पौष मास में हर रविवार व्रत रखें। – सूर्य देव को अर्घ्य दें। – फलाहार करें। – बिना नमक का भोजन करें। यह व्रत शारीरिक और मानसिक शुद्धता लाता है।

पौष मास के रविवार व्रत

पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान करें। – भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करें। – धार्मिक अनुष्ठान से पापों का नाश होता है।

पौष पूर्णिमा: पवित्र दिन

मकर संक्रांति पौष मास के अंत में आती है। – सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। – तिल-गुड़ का सेवन और पतंगबाजी का आनंद लें। – दान करें और शुभ फल प्राप्त करें।

मकर संक्रांति: तिल-गुड़ का त्यौहार 

पौष मास में दान करना शुभ होता है। – अन्न, तिल, गुड़, और कंबल दान करें। – यह पुण्य और समृद्धि का मार्ग है।

पौष मास में दान का महत्व  

पौष मास में विवेकानंद जयंती मनाई जाती है। यह युवाओंको प्रेरणा और आत्मविश्वास प्रदान करता है। 

विवेकानंद जयंती: प्रेरणा का पर्व