Gupt Navratri गुप्त नवरात्रि हिंदू धर्म में एक विशेष पर्व है, जो तंत्र-मंत्र साधना, शक्ति आराधना और आत्मिक शुद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे “गुप्त” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी पूजा विधियां और साधनाएं गुप्त रूप से संपन्न की जाती हैं। गुप्त नवरात्रि मुख्यतः तांत्रिक, साधक और सिद्धि प्राप्ति की आकांक्षा रखने वालों के लिए होती है।
गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार आती है—माघ और आषाढ़ मास में। यह पर्व साधकों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है क्योंकि इस दौरान दस महाविद्याओं की साधना करने से विशेष सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
गुप्त नवरात्रि 2025 की तिथियां और शुभ मुहूर्त
2025 में माघ मास की गुप्त नवरात्रि निम्नलिखित तिथियों में होगी:
- आरंभ तिथि: 30 जनवरी 2025 (गुरुवार)
- समापन तिथि: 7 फरवरी 2025 (शुक्रवार)
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
- सुबह: 9:25 से 10:46 बजे तक (1 घंटा 21 मिनट)
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:13 से 12:56 बजे तक (43 मिनट)
इस अवधि में घटस्थापना करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यदि इस समय पूजा संभव न हो तो अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करना भी लाभकारी होगा।
गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि का मुख्य उद्देश्य शक्ति साधना, आत्मिक उन्नति, और मनोकामनाओं की पूर्ति करना होता है। यह पर्व विशेष रूप से उन भक्तों और साधकों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो देवी शक्ति की आराधना गुप्त रूप से करना चाहते हैं।
गुप्त नवरात्रि के लाभ
✔ साधना और मंत्र सिद्धि – इस दौरान तांत्रिक साधनाएं और मंत्र जाप करने से सिद्धि प्राप्त होती है।
✔ नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति – इस पूजा से शत्रु बाधा, बुरी शक्तियों और बुरी नजर से रक्षा होती है।
✔ आर्थिक उन्नति – मां लक्ष्मी और महाविद्याओं की कृपा से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।
✔ स्वास्थ्य लाभ – देवी की कृपा से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां दूर होती हैं।
गुप्त नवरात्रि में पूजे जाने वाले देवी स्वरूप
गुप्त नवरात्रि के दौरान दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये सभी देवी मां दुर्गा के विभिन्न रूप हैं और हर देवी की पूजा अलग-अलग उद्देश्यों से की जाती है:
- मां काली – शत्रु नाश और भय मुक्ति
- मां तारा – संकट से रक्षा और ज्ञान प्राप्ति
- मां त्रिपुर सुंदरी – सुंदरता, प्रेम और आकर्षण
- मां भुवनेश्वरी – आध्यात्मिक शक्ति और आत्म-साक्षात्कार
- मां छिन्नमस्ता – आत्म-बलिदान और ऊर्जा नियंत्रण
- मां त्रिपुर भैरवी – आध्यात्मिक जागरण
- मां धूमावती – विधवा स्वरूप, दरिद्रता और संकट नाश
- मां बगलामुखी – शत्रु नाश और वाणी पर नियंत्रण
- मां मातंगी – संगीत, विद्या और कला की देवी
- मां कमला – धन और ऐश्वर्य की देवी
गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि
1. संकल्प और स्नान
- प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत और साधना का संकल्प लें।
2. कलश स्थापना
- मिट्टी के पात्र में जौ बोकर उसमें जल डालें।
- कलश में गंगाजल भरकर, उसके मुख पर आम के पत्ते और नारियल रखें।
- देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. मंत्र जाप और पाठ
- रोजाना दुर्गा सप्तशती, देवी महात्म्य और श्री सूक्त का पाठ करें।
- मंत्र जाप करें:
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे (दुर्गा मंत्र)
- ॐ क्रीं कालिकायै नमः (काली मंत्र)
4. हवन और कन्या पूजन
- अष्टमी या नवमी के दिन हवन करें।
- कन्या पूजन करें और नौ कन्याओं को भोजन कराएं।
गुप्त नवरात्रि के दौरान क्या करें और क्या न करें
✅ क्या करें?
✔ ब्रह्मचर्य का पालन करें।
✔ देवी के मंत्रों का जाप करें।
✔ सात्विक भोजन करें और उपवास रखें।
❌ क्या न करें?
❌ मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
❌ झूठ बोलना और किसी का अपमान करना वर्जित है।
गुप्त नवरात्रि में विशेष उपाय
1. धन प्राप्ति के लिए
- मां लक्ष्मी का लाल पुष्पों से पूजन करें।
- श्रीसूक्त का पाठ करें।
2. शत्रु नाश के लिए
- मां बगलामुखी का जाप करें: ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।
3. स्वास्थ्य लाभ के लिए
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
गुप्त नवरात्रि और तंत्र साधना
गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना का विशेष महत्व होता है। कई साधक इस समय विशेष साधनाएं करते हैं जिससे उन्हें सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
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FAQs
गुप्त नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
गुप्त नवरात्रि तंत्र और साधना से जुड़ी होती है, जिसमें दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
गुप्त नवरात्रि में कौन-कौन से देवी पूजे जाते हैं?
मां काली, तारा, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, धूमावती आदि दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
गुप्त नवरात्रि कितनी बार आती है?
गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार—माघ और आषाढ़ मास में आती है।
गुप्त नवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व क्या है?
इस दौरान ध्यान और साधना करने से मानसिक शांति मिलती है और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
क्या गुप्त नवरात्रि में उपवास रखना अनिवार्य है?
नहीं, लेकिन सात्विकता और साधना करना आवश्यक माना जाता है।
क्या गुप्त नवरात्रि में हवन किया जाता है?
हाँ, गुप्त नवरात्रि में हवन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।