Dashamata Vrat 2025 : तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

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Dashamata Vrat 2025 में 24 मार्च, सोमवार को रखा जाएगा। यह व्रत प्रत्येक वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को रखा जाता है। हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह सुख-समृद्धि और परिवार की उन्नति के लिए किया जाता है।

दशामाता व्रत 2025 का शुभ मुहूर्त

  • दशमी तिथि प्रारंभ: 24 मार्च 2025 को प्रातः 5:39 बजे
  • दशमी तिथि समाप्त: 25 मार्च 2025 को प्रातः 5:05 बजे
  • पूजा का उत्तम समय: प्रातःकाल या संध्या के समय पीपल वृक्ष के नीचे पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है।

दशामाता व्रत का महत्व

दशामाता व्रत हिंदू धर्म में सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। इस व्रत को विशेष रूप से महिलाएँ अपने परिवार की खुशहाली और उन्नति के लिए करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की सभी कठिनाइयाँ दूर होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

दशामाता व्रत की पूजा विधि

  1. स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
  2. पीपल वृक्ष की पूजा: पीपल वृक्ष के नीचे हल्दी और चंदन से पूजा करें।
  3. डोरा बनाना: एक सूत का डोरा लें और उसमें 10 गाँठें लगाएँ। इसे हल्दी से रंगें।
  4. दशामाता की कथा सुनना: इस दिन नल-दमयंती कथा सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  5. डोरा धारण करना: कथा के बाद इस डोरे को गले में पहनें या कलाई पर बाँधें।
  6. हल्दी-कुमकुम के छापे: घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और कुमकुम के छापे लगाएँ।
  7. भोजन: इस दिन व्रत के दौरान नमक रहित सात्विक भोजन ग्रहण करें।

दशामाता व्रत से जुड़े नियम

  • इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • सात्विक और शुद्ध आहार ग्रहण करना चाहिए।
  • व्रत के दिन झूठ न बोलें और किसी का दिल न दुखाएँ।
  • पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें और उसकी परिक्रमा करें।

दशामाता व्रत की कथा

इस दिन राजा नल और रानी दमयंती की कथा सुनी जाती है। कथा के अनुसार, राजा नल को अपने बुरे कर्मों के कारण अपना राजपाठ छोड़कर जंगल में भटकना पड़ा। लेकिन दशामाता व्रत करने के बाद उनकी सभी परेशानियाँ दूर हो गईं और उन्हें पुनः अपना राज्य प्राप्त हुआ। यह कथा हमें यह सिखाती है कि यदि हम सच्चे मन से दशामाता की पूजा करें तो जीवन की सभी समस्याएँ समाप्त हो सकती हैं।

दशामाता व्रत के लाभ

  • इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  • धन-धान्य में वृद्धि होती है और आर्थिक तंगी दूर होती है।
  • पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
  • ग्रहों की अशुभ दशा समाप्त होती है।

निष्कर्ष

दशामाता व्रत 2025 में 24 मार्च को रखा जाएगा। इस व्रत का पालन करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। सही विधि से पूजा करने और कथा सुनने से परिवार की उन्नति होती है और सभी संकटों का नाश होता है।

यदि आप अपने घर की दशा सुधारना चाहते हैं और समृद्धि की कामना रखते हैं, तो इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा और नियमों के साथ अवश्य करें।

यह भी पढ़ें: दशामाता व्रत 2025 कब रखा जाएगा?

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FAQs-

Dashamata Vrat 2025 kab manaya jayega?

Dashamata Vrat 24 March 2025, Somwar ko manaya jayega

Dashamata Vrat ka shubh muhurat kya hai?

Dashami tithi 24 March 2025 ko subah 5:39 baje shuru hogi aur 25 March ko 5:05 baje khatam hogi

Dashamata Vrat kyon kiya jata hai?

Yeh vrat ghar ki sukh-shanti, dhan-samriddhi aur grih kalesh dur karne ke liye kiya jata hai

Dashamata Vrat ki puja kaise ki jati hai?

Is din peepal ke ped ki puja ki jati hai, haldi se rangin dora bandh kar katha suni jati hai।

Is vrat mein kya-kya nahi khana chahiye?

Is vrat mein namak nahi khana chahiye aur satvik bhojan ka hi sevan karna chahiye।

Dashamata Vrat ki katha kya hai?

Is vrat mein Raja Nal aur Rani Damayanti ki katha suni jati hai jo is vrat ka mahatvapurn hissa hai

Dashamata Vrat ka sabse bada laabh kya hai?

Ghar ki sthiti aur parivaarik sukh-samriddhi badhane ke liye yeh vrat bahut mahatvapurn hai

Kya purush bhi Dashamata Vrat rakh sakte hain?

Haan, yeh vrat purush bhi rakh sakte hain lekin adhikansh roop se mahilayein ise karti hain

Dashamata Vrat ke din kaunsa rang pehnna shubh hota hai?

Is din peela ya safed rang pehnna shubh mana jata hai

Dashamata Vrat me peepal ke ped ki puja kyon ki jati hai?

Peepal ko Bhagwan Vishnu ka roop mana jata hai, isliye iski puja karna shubh hota hai

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Deepika Patidar
Deepika Patidar

Deepika patidar is a dedicated blogger who explores Hindu mythology through ancient texts, bringing timeless stories and spiritual wisdom to life with passion and authenticity.

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