MEGHA PATIDAR

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Megha patidar is a passionate website designer and blogger who is dedicated to Hindu mythology, drawing insights from sacred texts like the Vedas and Puranas, and making ancient wisdom accessible and engaging for all.

14. गुरु और ज्ञान का महत्व

गुरु

1. गुरु और उनका महत्व धनोपयोगः सत्पात्ते यस्यैवास्ति स पण्डितः । गुरुशुश्रूषया जन्म चित्तं सद्धयानचितया |१| अर्थ – धनोपयोग इति- इस संसार में जिस पुरुष का घन सत्पात्र के लिए, जन्म गुरुजनों की सेवा के लिए और चित्त हरिहर चिंतन…

15. धर्म के चिन्ह और महत्व

धर्म

1. धर्म के फल धर्मस्य तस्य लिंगानि दया क्षांतिरहिसनम् । तपो दानं च शीलं च सत्यं शौचं वितृष्णता ।१। अर्थ – धर्मस्येति दया, शान्ति, अहिंसा, (वृथा जीवों को न मारना) तप, दान, शील, (सुन्दर स्वभाव) सत्य, पवित्रता तथा संतोष यह…

रबिया

रबिया

1. परिचय ‘हे अर्जुन ! स्त्री, वैश्य, शूद्र और पापयोनिवाले जो कोई भी मेरी शरण हो जाते हैं वे परमगति को प्राप्त होते हैं ।’ भगवान् केवल प्रेम से प्रसन्न होते हैं। जाति-पाँति, धन-दौलत, विद्या-बुद्धि आदिकी वे कुछ भी परवा…

जनाबाई

जनाबाई

1. भगवान को प्रेम प्यारा है भगवान को प्रेम प्यारा है, उसे जो सच्चे मन से चाहता है वह उसीका बन जाता है। भगवत्प्रेममें जाति-पाँति, विद्या-बुद्धि, धन-ऐश्वर्य की कोई भी अपेक्षा नहीं है। पुरुष हो, स्त्री हो, पण्डित हो, मूर्ख…

करमैतीबाई

करमैतीबाई

करमैतीबाई-भगवद्प्रेम की सर्वोच्चता जिसका मन उस नन्दनन्दन श्यामवदन मोहन की माधुरी छवि पर मोहित हो जाता है, उसे जगत्के सारे रूप, जगत्के सारे सुख फीके मालूम होने लगते हैं। उनमें भी संसार का जो सुख उस प्रियतमसे अलग कराने वाला…

मीराबाई

मीराबाई

मीराबाई का जीवन और भक्ति 1. परिचय मीराबाई का नाम कौन नहीं जानता ? जिस भक्तशिरोमणि राजपूतरमणीकी गुण-गाथाको गा-गाकर आज लाखों जन भगवत्प्रेम को प्राप्त होते हैं, जिसके प्रेमपूरित पुनीत पदोंका गानकर अगनित नर-नारी भक्तिरसके पावन प्रवाह में बह जाते…

शबरी

शबरी

शबरी की कथा 1. परिचय और समय त्रेतायुग का समय है, वर्णाश्रम धर्मकी पूर्ण प्रतिष्ठा है, वनोंमें स्थान-स्थानपर ऋषियोंके पवित्र आश्रम बने हुए हैं। तपोधन ऋषियोंके यज्ञधूमसे दिशाएँ आच्छादित और वेदध्वनि से आकाश मुखरित हो रहा है। 2. शबरी का…

मोक्ष

मोक्ष

अनेकानि च शास्त्राणिं स्वल्पामुर्विघ्नकोटयः। तत्मात्सारं विजानीयात्क्षीरं हंस इवाम्भासि ।। गरुड़ पुराण में कहा है कि संसार में बहुत से अनेक शास्त्र हैं। उनके अर्थ जानने के योग्य बहुत से हैं और गूढ़ हैं। पुरुष की आयु अति अल्प है। इस…

4. काम

काम

काम पति-पत्नी संबंध मनुजी ने कहा है कि पुत्र की उत्पत्ति और गृहस्थ सम्बन्धी धर्म, कर्म सेवा, शुश्रूषा और रति रूपी सुख आदि यह सर्व सुपत्नी स्त्री केही आधीन हैं तथा पितरों को पुत्र उत्पत्ति द्वारा और अपने को गृहस्थ…