MEGHA PATIDAR

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Megha patidar is a passionate website designer and blogger who is dedicated to Hindu mythology, drawing insights from sacred texts like the Vedas and Puranas, and making ancient wisdom accessible and engaging for all.

5. अर्थ

अर्थ

अर्थ वर्ण व्यवस्था और धर्म पद्म पुराण में कहा है कि ब्रह्मा ने ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र इन चार वर्णों को उत्पन्न कर, सबको ‘स्व’ स्व धर्मों में नियुक्त करा कर अस्तु स्वधर्म के अनुसार जो द्रव्य प्राप्त किया जाता…

6. धर्म

धर्म

धर्म की परिभाषा और महत्व पूर्व मीमांसा में जैमिनी ने कहा है कि वेदों ने जो विधान किया हो और दुःख के सम्बन्ध से रहित सुख रूप जिसका फल हो उसका नाम धर्म है। वैशेषिक दर्शन में कणाद् ऋषि ने…

7. प्रभु नाम स्मरण

प्रभु नाम स्मरण

प्रभु नाम स्मरण राम रामेति रामेति राम रामो मनोरमे। सहस्र नाममिस्तुल्यं रामनाम वरानने ।। नारद पंचरात्र में पार्वती ने महादेव से पूछा है कि हे महादेव ! सर्व नामों में सुख पूर्वक उच्चारण करने में कौनसा नाम श्रेष्ठ हैं। तब…

8. राज-धर्म

राज-धर्म

राज-धर्म परिचय मनु जी ने कहा है कि चार युगों का प्रवर्तक राजा ही है। जब राजा शास्त्र विहित कर्मों से सोते हुये के समान धर्महीन हो जाता है। तब कलियुग होता है जब धर्महीनता रूपी निद्रा से जागकर धर्म,…

9. प्रारब्ध

प्रारब्ध

प्रारब्ध और उसके प्रभाव अध्यात्मोपनिषद् में कहा है कि जैसे प्रथम गौ न जानकर व्याघ्र बुद्धि से बाण छोड़ा हुआ, पश्चात गौ का ज्ञान हो जाने पर भी पूर्व वैग से छुटा हुआ बाण गौ को भेदन किये बिना नहीं…

10. तीर्थव्रत

तीर्थव्रत

तीर्थव्रत यजुर्वेद में कहा है कि जो महादेव के स्वरूप गण, दुष्टों से तीथों की रक्षा करते हुये तीथों में विचरते हैं उनको हमारा नमस्कार है। द्विजोत्तमों का संग पद्म पुराण में कहा है कि द्विजोत्तमो तीर्थों के प्रभाव से,…

11. दान

दान

दान का लक्षण मत्स्य पुराण में कहा है कि जो द्रव्य अपने को सुख रूप में प्रिय है और न्यायरूप में धर्म से प्राप्त किया है सो द्रव्य शुभ गुण सम्पन्न विद्वान के प्रति देना उचित है। यह दान का…

12. अतिथि सत्कार

अतिथि सत्कार

अतिथि पूजा का महत्व वैश्व देव कर्म और अतिथि सत्कार हरिस्मृति में कहा है कि वैश्व देव कर्म करने के पहले यदि अतिथि (भिक्षा) ग्रह में आ जाये तो प्रथम वैश्व देव कर्म के लिए भोजन निकाल कर तब अतिथि…

13. सफल जीवन के चार स्तम्भ

सफल जीवन के चार स्तम्भ

सफल जीवन के चार स्तम्भ अद्वैत चिन्तक महात्माओं के संग का महत्व जिस अद्वैत चिन्तक महात्माओं के संग से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ये चार पुरुषार्थ प्राप्त होते हैं उन साधु महात्माओं का सत्संग रूपी अमृत का सेवन से आध्यात्मिक,…