MEGHA PATIDAR

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Megha patidar is a passionate website designer and blogger who is dedicated to Hindu mythology, drawing insights from sacred texts like the Vedas and Puranas, and making ancient wisdom accessible and engaging for all.

15. श्रीकृष्ण और बाणासुरका युद्ध

बाणासुर

बाणासुर कौन था ? एक बार बाणासुरने भी भगवान् त्रिलोचनको प्रणाम करके कहा था कि हे देव! बिना युद्धके इन हजार भुजाओंसे मुझे बड़ा ही खेद हो रहा है ॥  क्या कभी मेरी इन भुजाओंको सफल करनेवाला युद्ध होगा ?…

16. उषा – चरित्र

उषा

उषा कोन थी?  रुक्मिणीके गर्भसे उत्पन्न हुए भगवान्‌के प्रद्युम्न आदि पुत्रोंका वर्णन हम पहले ही कर चुके हैं; सत्यभामाने भानु और भौमेरिक आदिको जन्म दिया ॥  श्रीहरिके रोहिणीके गर्भसे दीप्तिमान् और ताम्रपक्ष आदि तथा जाम्बवतीसे बलशाली साम्ब आदि पुत्र हुए…

17. भगवान्का-द्वारकापुरीमेलौटना और सोलह हजार एक सौ कन्याओंसे विवाह करना

भगवान्का-द्वारकापुरीमे

भगवान्का-द्वारकापुरीमे लौटना श्रीकृष्णजी बोले – हे जगत्पते ! आप देवराज इन्द्र हैं और हम मरणधर्मा मनुष्य हैं। हमने आपका जो अपराध किया है उसे आप क्षमा करें ॥  मैंने जो यह पारिजातवृक्ष लिया था इसे इसके योग्य स्थान (नन्दनवन) –…

18. पारिजात हरण

पारिजात

  स्वर्गारोहण और देवताओं का स्वागत पक्षिराज गरुड उस वारुणछत्र, मणिपर्वत और सत्यभामाके सहित श्रीकृष्णचन्द्रको लीलासे – ही लेकर चलने लगे ॥  स्वर्गके द्वारपर पहुँचते ही श्रीहरिने अपना शंख बजाया। उसका शब्द सुनते ही देवगण अर्घ्य लेकर भगवान्‌के सामने उपस्थित…

19. नरकासुर वध

नरकासुर

इन्द्र का आगमन और नरकासुर के अत्याचारों का वर्णन एक बार जब श्रीभगवान् द्वारकामें ही थे त्रिभुवनपति इन्द्र अपने मत्त गजराज ऐरावतपर चढ़कर उनके पास आये ॥  द्वारकामें आकर वे भगवान्से मिले और उनसे नरकासुरके अत्याचारोंका वर्णन किया ॥  […

20. रुक्मी का वध

रुक्मी

रुक्मिणी के पुत्र और श्रीकृष्ण की अन्य पत्नियाँ रुक्मिणीके [ प्रद्युम्नके अतिरिक्त ] चारुदेष्ण, सुदेष्ण, वीर्यवान्, चारुदेह, सुषेण, चारुगुप्त, भद्रचारु, चारुविन्द, सुचारु और बलवानोंमें श्रेष्ठ चारु नामक पुत्र तथा चारुमती नामकी एक कन्या हुई ॥  रुक्मिणीके अतिरिक्त श्रीकृष्णचन्द्रके कालिन्दी, मित्रविन्दा,…

21. प्रद्युम्न-हरण तथा शम्बर-वध

प्रद्युम्न

प्रद्युम्न का हरण  कालके समान विकराल शम्बरासुरने प्रद्युम्नको, जन्म लेनेके छठे ही दिन ‘यह मेरा मारनेवाला है’ ऐसा जानकर सूतिकागृहसे हर लिया ॥  उसको हरण करके शम्बरासुरने लवणसमुद्रमें डाल दिया, जो तरंगमालाजनित आवतसे पूर्ण और बड़े भयानक मकरोंका घर है…

22. रुक्मिणी-हरण

रुक्मिणी

रुक्मिणी की अभिलाषा विदर्भदेशान्तर्गत कुण्डिनपुर नामक नगरमें भीष्मक नामक एक राजा थे। उनके रुक्मी नामक पुत्र और रुक्मिणी नामकी एक सुमुखी कन्या थी ॥  श्रीकृष्णने रुक्मिणीकी और चारुहासिनी रुक्मिणीने श्रीकृष्णचन्द्रकी अभिलाषा की, किंतु भगवान् श्रीकृष्णचन्द्रके प्रार्थना करनेपर भी उनसे द्वेष…

23. बलभद्रजीका व्रज-विहार तथा यमुनाकर्षण

बलभद्रजी

बलभद्रजी और मदिरापान अपने कार्योंसे पृथिवीको विचलित करनेवाले, बड़े विकट कार्य करनेवाले, धरणीधर शेषजीके अवतार माया-मानवरूप महात्मा बलरामजीको गोपोंके साथ वनमें विचरते देख उनके उपभोगके लिये वरुणने वारुणी (मदिरा) -से कहा- ॥ “हे मदिरे ! जिन महाबलशाली अनन्तदेवको तुम सर्वदा…