शिवाष्टक
जय शिव शंङ्गर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे । जय कैलाशी जय अविनासी सुखराशी सुख सार हरे ।। जय शशिशेखर जय डमरूधर जय जय प्रेमागार हरे ।। जय त्रिपुरारी जय मदहारी अमित अनन्त अपार हरे ।। निर्गुण जय जय सगुण…
जय शिव शंङ्गर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे । जय कैलाशी जय अविनासी सुखराशी सुख सार हरे ।। जय शशिशेखर जय डमरूधर जय जय प्रेमागार हरे ।। जय त्रिपुरारी जय मदहारी अमित अनन्त अपार हरे ।। निर्गुण जय जय सगुण…
“जय शिव ओंकारा” एक प्रसिद्ध शिव आरती है जो भगवान शिव की महिमा का गुणगान करती है। यह आरती शिवभक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भक्तों का मानना है कि इसे गाने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता…
“रुद्राष्टकम” भगवान शिव की स्तुति में रचित एक अष्टक (आठ छंद) है, जिसकी रचना तुलसीदास जी ने की थी। इस स्तोत्र में भगवान शिव के निराकार, निर्विकार, और अनंत रूप की महिमा का वर्णन है। इसमें भक्त भगवान शिव से…
देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, और 12 नवंबर 2024 को इसे विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को भगवान विष्णु के योगनिद्रा…
भारतीय सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है, और इसी मास की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि को “वैकुण्ठ चतुर्दशी” व्रत के रूप में मनाया जाता है। 2024 में यह व्रत 14 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन व्रत…
आँवला नवमी का महत्त्व और पूजा विधि आँवला नवमी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन आँवले के वृक्ष की पूजा का विधान है और इसे जीवन में शुभता,…
सूर्य षष्ठी व्रत को लेकर नारद जी ने सूर्यदेव से कहा, “हे भगवन! कृपया हमें सूर्य षष्ठी व्रत की संपूर्ण विधि बताइए और किस मंत्र से पूजन करें यह भी बताइए।” तब सूर्य भगवान ने कहा, “हे महर्षि! यह सुनने…
गोपाष्टमी का पर्व विशेष रूप से गायों के सम्मान, उनकी महत्ता और हमारे जीवन में उनके अद्वितीय योगदान को समर्पित होता है। गोपाष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो गोवंश (गायों) की पूजा के लिए मनाया जाता है।…
भाई दूज का त्यौहार हिन्दू समाज में भाई-बहन के अमर प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व भाई-बहन के बीच स्नेह और सुरक्षा के भाव को प्रगाढ़ करता है। भाई दूज का त्यौहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की…