3. संगति
संगति (पद्मपु. खण्ड. 1- अ. 23- श्लो. 6) गंगादिपुण्यतीर्थेषु यो नरः स्नाति सर्वदा । यः करोति सतां सङ्ग तयोः तत्संगमो वर ।। 1।। प्रथम अध्याय में शास्त्रमहिमा कही (हितं शास्यतीति शास्त्रं पुरुष के कल्याण की शिक्षा का बोधन करने वाला…
संगति (पद्मपु. खण्ड. 1- अ. 23- श्लो. 6) गंगादिपुण्यतीर्थेषु यो नरः स्नाति सर्वदा । यः करोति सतां सङ्ग तयोः तत्संगमो वर ।। 1।। प्रथम अध्याय में शास्त्रमहिमा कही (हितं शास्यतीति शास्त्रं पुरुष के कल्याण की शिक्षा का बोधन करने वाला…
धर्म पुरूषार्थ (गरुड़पु. काण्ड 1 अ. 15- श्लो. 23) ततश्च यतते नित्यमात्मानात्मविचारणे । अध्यारोपापवादाभ्यां कुरुते ब्रह्म चिन्तनम् ||1|| जैसे श्रुतियों में अध्यारोपापवाद के विचार से आत्मा अनात्मा का निर्णय किया है तैसे ही गरुड़पुराण में कहा है कि मिथ्या वस्तु…
मंगलाचरण मंगलाचरण एक संस्कृत शब्द है जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में की जाने वाली प्रार्थना या स्तुति को संदर्भित करता है। यह प्रार्थना विशेष रूप से देवी-देवताओं की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती…
कुरु पुत्र परीक्षित् के वंशज परीक्षित् के पुत्र [ कुरुपुत्र ] परीक्षित्के जनमेजय , श्रुतसेन , उग्रसेन और भीमसेन नामक चार पुत्र हुए ॥ जनु के वंशज जनु के सुरथ नामक एक पुत्र हुआ ॥ सुरथ के विदूरथ का जन्म…
पुरु का वंश पुरु का पुत्र जनमेजय था । जनमेजयका प्रचिन्वान् , प्रचिन्वान्का प्रवीर , प्रवीरका मनस्यु , मनस्युका अभयद , अभयदका सुधु , सुधुका बहुगत , बहुगतका संयाति संयातिका अहंयाति तथा -अहंयातिका पुत्र रौद्राश्व था ॥ रौद्राश्व के दस…
अनु वंश का विस्तार अनु के पुत्र ययाति के चौथे पुत्र अनुके सभानल , चक्षु और परमेषु नामक तीन पुत्र थे । सभानल का वंश सभानल का पुत्र कालानल हुआ तथा कालानल के संजय , संजयके पुरंजय , पुरंजयके जनमेजय…
द्रुघुवंश के प्रमुख राजा बभ्रु द्रुघुवंश का पुत्र बभ्रु सेतु बभ्रु का सेतु आरब्ध सेतु का आरब्ध गान्धार आरब्ध का गान्धार धर्म गान्धार का धर्म घृत धर्म का घृत दुर्दम घृत का दुर्दम प्रचेता दुर्दम का प्रचेता तथा शतधर्म प्रचेता…
तुर्वसु वंश के प्रमुख राजा वहिन तुर्वसु का पुत्र वहिन था भार्ग वह्नि का भार्ग भानु भार्ग का भानु त्रयीसानु भानु का त्रयीसानु करन्दम त्रयीसानु का करन्दम मरुत्त और करन्दम का पुत्र मरुत्त था ॥ मरुत्त निस्सन्तान था ॥ दुष्यन्त…
वसुदेवजी के परिवार के सदस्य वसुदेवजी की पत्नियाँ आनकदुन्दुभि वसुदेवजी के पौरवी , रोहिणी , मदिरा , भद्रा और देवकी आदि बहुत – सी स्त्रियाँ थीं ॥ रोहिणी के पुत्र उनमें रोहिणी से वसुदेवजी ने बलभद्र , शठ , सारण…