MEGHA PATIDAR

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67. निमि – चरित्र और निमिवंश का वर्णन

निमि

इक्ष्वाकु वंश का वृतांत 1. निमि का यज्ञ और वसिष्ठ का शाप इक्ष्वाकु का जो निमि नामक पुत्र था उसने एक सहस्त्र वर्ष में समाप्त होने वाले यज्ञ का आरम्भ किया ॥ उस यज्ञमें उसने वसिष्ठजी को होता वरण किया…

68. सगर , सौदास , खट्वांग और भगवान् राम के चरित्र का वर्णन

सगर

सगर राजा की दो पत्नियाँ सुमति और केशिनी का वरदान काश्यपसुता सुमति और केशिनी ये राजा सगरकी दो स्त्रियाँ थीं ॥ उनसे सन्तानोत्पत्ति के लिये परम समाधि द्वारा आराधना किये जाने पर भगवान् और्वने यह वर दिया ॥ ‘ एक…

69. मान्धाता की सन्तति , त्रिशंकु का स्वर्गारोहण तथा सगर की उत्पत्ति और विजय

मान्धाता

मान्धाता के वंश का वर्णन अम्बरीष का वंश अब हम मान्धाताके पुत्रोंकी सन्तानका वर्णन करते हैं ॥ मान्धाताके पुत्र अम्बरीषके युवनाश्व पुत्र हुआ ॥ उससे हारीत हुआ जिससे अंगिरा – गोत्रीय हारीतगण हुए ॥ पूर्वकालमें रसातलमें मौनेय नामक छः करोड़…

70. इक्ष्वाकु के वंश का वर्णन तथा सौभरिचरित्र

इक्ष्वाकु

रैवत और कुशस्थली का विनाश जिस समय रैवत ककुझी ब्रह्मलोक से लौटकर नहीं आये थे उसी समय पुण्यजन नामक राक्षसोंने उनकी पुरी कुशस्थली का ध्वंस कर दिया ॥ उनके सौ भाई पुण्यजन राक्षसोंके भयसे दसों दिशाओं में भाग गये ॥…

71. मनुवंश का विवरण

मनुवंश

मनुवंश का वर्णन भगवान् विष्णु और ब्रह्माजी अनेकों यज्ञकर्ता , शूरवीर और धैर्यशाली भूपालों से सुशोभित इस मनुवंश का वर्णन सुनो जिसके आदिपुरुष श्रीब्रह्माजी हैं ॥ हे मैत्रेय ! अपने वंश के सम्पूर्ण पापोंको नष्ट करनेके लिये इस वंश –…

72. मायामोह और असुरों का संवाद तथा राजा शतधनु की कथा

मायामोह

मायामोह का आगमन और असुरों का तपस्या तदनन्तर मायामोह ने [ देवताओंके साथ ] जाकर देखा कि असुरगण नर्मदा के तटपर तपस्या में लगे हुए हैं ॥ तब उस मयूरपिच्छधारी दिगम्बर और मुण्डित केश मायामोह ने असुरों से अति मधुर…

73. नग्न विषयक प्रश्न , देवताओं का पराजय , उनका भगवान्‌ की शरण में जाना और भगवान्का मायामोह को प्रकट करना

नग्न

नग्न का अर्थ और परिभाषा  नपुंसक , अपविद्ध और रजस्वला आदिको तो मैं अच्छी तरह जानता हूँ [ किन्तु यह नहीं जानता कि ‘ नग्न ‘ किसको कहते हैं ] । अतः इस समय मैं नग्न के विषय में जानना…

74. श्राद्धकर्म में विहित और अविहित वस्तुओं का विचार

श्राद्धकर्म

श्राद्धकर्म में तृप्तिदायक पदार्थ हवि , मत्स्य , शशक ( खरगोश ) , नकुल , शूकर , छाग , कस्तूरिया मृग , कृष्ण मृग , गवय ( वनगाय ) और मेषके मांसोंसे तथा गव्य ( गौके दूध – घी आदि…

75. श्राद्ध विधि

श्राद्ध

श्राद्धकर्म में योग्य ब्राह्मण श्राद्धकाल में जैसे गुणशील ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिये वह बतलाता हूँ , सुनो । त्रिणाचिकेत १ , त्रिमधुर , त्रिसुपर्ण ३ , छहों वेदांगों के जानने वाले , वेदवेत्ता , श्रोत्रिय , योगी और ज्येष्ठसामग…