Falgun Amavasya 2025

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Falgun अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है, जिसे अमावस्या कहा जाता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष, फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी 2025, गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, पितरों का तर्पण, दान-पुण्य और व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


फाल्गुन अमावस्या 2025 की तिथि और समय

घटनासमय
अमावस्या तिथि प्रारंभ27 फरवरी 2025 को सुबह 08:57 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त28 फरवरी 2025 को सुबह 06:17 बजे

इस दौरान किए गए धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ विशेष फलदायी माने जाते हैं।


फाल्गुन अमावस्या का महत्व

1. पितृ दोष से मुक्ति का दिन

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आ रही बाधाओं का निवारण होता है।

2. दान-पुण्य और मोक्ष प्राप्ति का महत्व

फाल्गुन अमावस्या के दिन गंगा, यमुना, नर्मदा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान एवं दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दिन विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति और पापों के नाश के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

3. भगवान शिव और सूर्य देव की आराधना

इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


फाल्गुन अमावस्या के प्रमुख अनुष्ठान और पूजा विधि

1. पवित्र स्नान (Falgun Amavasya Snan)

  • इस दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करें।
  • यदि यह संभव न हो, तो घर में स्नान करते समय पानी में गंगाजल मिलाएं।
  • स्नान के दौरान “ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।” मंत्र का जाप करें।

2. पितरों का तर्पण (Pitra Tarpan Vidhi)

  • पितरों को जल अर्पण करें और काले तिल, दूध, जौ और कुश से तर्पण करें।
  • तर्पण करते समय “ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः” मंत्र का जाप करें।
  • यह क्रिया पितृ दोष को शांत करने और पूर्वजों की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

3. व्रत और संकल्प (Falgun Amavasya Vrat Vidhi)

  • इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • अगर संपूर्ण व्रत रखना संभव न हो, तो एक समय फलाहार कर सकते हैं।

4. सूर्य को अर्घ्य देना (Surya Arghya Vidhi)

  • स्नान के बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें।
  • अर्घ्य देते समय “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।

5. शिव पूजा (Shiv Pooja Vidhi)

  • भगवान शिव को बेलपत्र, जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल अर्पित करें।
  • शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से कालसर्प दोष और अन्य ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।

6. पीपल वृक्ष की पूजा (Peepal Puja Vidhi)

  • संध्या समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें।
  • पीपल की पूजा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और घर की परेशानियां दूर होती हैं।

7. दान-पुण्य (Falgun Amavasya Daan Mahatva)

  • गरीबों, ब्राह्मणों और जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
  • विशेष रूप से काले तिल, उड़द की दाल, लोहे की वस्तुएं, और कंबल दान करना शुभ माना जाता है।

फाल्गुन अमावस्या के लाभ (Benefits of Falgun Amavasya)

पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
जीवन में आ रही समस्याएं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।

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निष्कर्ष

फाल्गुन अमावस्या का यह पावन दिन आत्मशुद्धि, पितरों की आराधना, और दान-पुण्य के लिए समर्पित है। इस दिन किए गए धार्मिक अनुष्ठान जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लाते हैं। सभी श्रद्धालुओं को इस दिन का पूर्ण लाभ उठाना चाहिए।

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FAQs

Falgun Amavasya kab hai?

Falgun Amavasya 2025 me 27 February, Guruvar ko hai.

Falgun Amavasya ka kya mahatva hai?

Is din pitron ki atma ki shanti ke liye tarpan, daan, aur vrat kiya jata hai, jisse Pitra Dosh se mukti aur jeevan me sukh-samriddhi ki prapti hoti hai.

Falgun Amavasya ka kya mahatva hai?

Is din pitron ki atma ki shanti ke liye tarpan, daan, aur vrat kiya jata hai, jisse Pitra Dosh se mukti aur jeevan me sukh-samriddhi ki prapti hoti hai.

Falgun Amavasya par kaunse anushthan kiye jate hain?

Pavitra snan, Surya ko arghya, pitron ka tarpan, vrat, daan-punya, Peepal vriksh ki pooja, aur Bhagwan Shiv ki aradhana is din ke mukhya anushthan hain.

Kya Falgun Amavasya par vrat rakhna avashyak hai?

Vrat rakhna avashyak nahi hai, lekin ise rakhne se vishesh punya ki prapti hoti hai. Agar sambhav na ho, to shraddhapoorvak pooja-paat aur daan-punya karein.

Falgun Amavasya par kis prakar ka daan karna chahiye?

Kale til, urad, kambal, lohe ki vastuon, anna, vastra, aur dhan ka daan karna shubh mana jata hai.

Falgun Amavasya par Peepal vriksh ki pooja ka kya mahatva hai?

Peepal vriksh me devtaon ka vaas mana jata hai. Is din Peepal ke neeche diya jalane aur parikrama karne se pitron ki kripa prapt hoti hai aur jeevan ki badhayein door hoti hain.

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MEGHA PATIDAR
MEGHA PATIDAR

Megha patidar is a passionate website designer and blogger who is dedicated to Hindu mythology, drawing insights from sacred texts like the Vedas and Puranas, and making ancient wisdom accessible and engaging for all.

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