रुद्राभिषेक एक अत्यंत शक्तिशाली और फलदायक शिव पूजा विधि है जो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। इसे विशेष रूप से सावन के महीने, शिवरात्रि, सोमवार या किसी शुभ मुहूर्त में किया जाता है। यह पूजा न केवल आत्मशांति और सुख-समृद्धि देती है, बल्कि जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने वाली मानी जाती है।
यदि आप किसी कारणवश मंदिर जाकर यह पूजा नहीं कर सकते, तो चिंता न करें। आप घर पर भी शुद्ध भावना और सही विधि से रुद्राभिषेक कर सकते हैं। आइए जानते हैं Ghar par kaise karein Rudrabhishek?
रुद्राभिषेक क्या है?
‘रुद्र’ भगवान शिव का एक उग्र रूप है और ‘अभिषेक’ का अर्थ है स्नान कराना या जल से पूजन करना। इस पूजा में भगवान शिव को विभिन्न पवित्र द्रव्यों जैसे दूध, जल, शहद, दही, घी आदि से स्नान कराया जाता है। साथ ही वेदों में वर्णित रुद्रसूक्त, शिव मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र आदि का जाप किया जाता है।
रुद्राभिषेक के लाभ
- मानसिक शांति और आत्मिक बल की प्राप्ति
- रोगों और कष्टों से मुक्ति
- आर्थिक समृद्धि
- ग्रह दोषों का शमन
- अकाल मृत्यु से रक्षा
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार
रुद्राभिषेक पूजा की सामग्री (Samagri List)
- एक साफ जल पात्र (लोटा)
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
- गंगाजल
- फूल (विशेषकर सफेद फूल)
- बेलपत्र (3 पत्रों वाला)
- धतूरा, आक, भांग (यदि उपलब्ध हो)
- चंदन
- कुशा या दुर्वा घास
- रोली, हल्दी, अक्षत (चावल)
- धूप, दीपक, कपूर
- फल और मिष्ठान
- पंचमेवा
- शिवलिंग (यदि उपलब्ध हो, तो पारद शिवलिंग श्रेष्ठ)
- रुद्राक्ष माला (जाप के लिए)
- आसन (पूजा के लिए)
रुद्राभिषेक के लिए शुभ समय
रुद्राभिषेक किसी भी दिन किया जा सकता है, परंतु सोमवार, महाशिवरात्रि, सावन मास, या अमावस्या तिथि विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना श्रेष्ठ होता है।
रुद्राभिषेक पूजा विधि – (Step-by-Step)
चरण 1: तैयारी
- स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें (पुरुष सफेद वस्त्र, महिलाएं साड़ी या सलवार सूट पहनें)
- पूजा स्थान को साफ करें और एक लकड़ी का पट्टा बिछाकर उस पर सफेद कपड़ा रखें।
- उस पर शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें।
- समस्त पूजा सामग्री एकत्रित करके रख लें।
चरण 2: आचमन और शुद्धिकरण
- “ॐ केशवाय नमः” से “ॐ नारायणाय नमः” तक आचमन करें।
- जल में कुशा डालकर पूरे पूजा स्थान और स्वयं पर छिड़कें।
- “ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा” मंत्र बोलें।
चरण 3: संकल्प
- दाहिने हाथ में जल लेकर संकल्प लें: “मैं अमुक नाम, अमुक तिथि, अमुक स्थान पर रुद्राभिषेक पूजन कर रहा हूँ, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए। कृपया इस पूजन को स्वीकार करें।”
चरण 4: गणेश पूजन
- प्रथम श्री गणेश जी का आवाहन करें।
- “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र से उनका पूजन करें।
- फूल, अक्षत, चंदन, नैवेद्य अर्पित करें।
चरण 5: रुद्राभिषेक आरंभ
अब भगवान शिव को विभिन्न वस्तुओं से अभिषेक करें:
1. जल से अभिषेक
- “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ रुद्राय नमः” बोलते हुए गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें।
2. दूध से अभिषेक
- “ॐ सोमाय नमः” मंत्र के साथ गाय के दूध से अभिषेक करें।
3. दही से अभिषेक
- “ॐ शिवाय नमः” कहते हुए दही चढ़ाएं।
4. घी से अभिषेक
- “ॐ महेश्वराय नमः” मंत्र से घी अर्पित करें।
5. शहद से अभिषेक
- “ॐ शंकराय नमः” मंत्र से शहद चढ़ाएं।
6. शक्कर या चीनी
- “ॐ नीलकंठाय नमः” कहते हुए शक्कर चढ़ाएं।
7. पंचामृत से समर्पण
- उपरोक्त सभी को मिलाकर पंचामृत बनाएं और “ॐ त्र्यम्बकाय नमः” मंत्र से अभिषेक करें।
8. गंगाजल से अंतिम अभिषेक
- अंत में फिर से शुद्ध गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
चरण 6: शिव पूजन
- शिवलिंग को साफ करके वस्त्र (यदि छोटा शिवलिंग है तो वस्त्र की प्रतीकात्मक पट्टी) अर्पित करें।
- चंदन, अक्षत, रोली, फूल, बेलपत्र (3 पत्तियों वाला) अर्पित करें।
- धतूरा, आक, भांग आदि चढ़ाएं।
- दीप, धूप और कपूर से आरती करें।
प्रमुख मंत्र
रुद्राष्टक
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं… (पूर्ण रुद्राष्टक पढ़ें)—–
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
इन मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करें। रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें।
चरण 7: आरती
- भगवान शिव की आरती करें:
“ॐ जय शिव ओंकारा…” पूर्ण पढ़ें
- कपूर जलाकर शिवलिंग की आरती करें।
चरण 8: प्रसाद वितरण
- फल, मिष्ठान, पंचमेवा का प्रसाद अर्पित करें और फिर परिवार के सभी सदस्य ग्रहण करें।
कुछ आवश्यक नियम
- रुद्राभिषेक के समय मन और शरीर दोनों पवित्र रखें।
- व्रत रूप में रहें तो अति उत्तम।
- बेलपत्र पर ‘ॐ’ लिखकर चढ़ाना विशेष फलदायक होता है।
- अभिषेक जल को तुलसी के पास या पेड़ के नीचे अर्पित करें, घर में न रखें।
FAQs
Rudra Abhishek ghar par kaise karein?
Rudra Abhishek ghar par karne ke liye aapko Shivling, puja samagri (jaise dudh, dahi, ghee, shahad, gangajal), aur mantron ka uchcharan zaruri hai. Ye pooja aap shraddha aur niyam se khud bhi kar sakte hain.
Rudra Abhishek kis din karna chahiye?
Rudra Abhishek karne ke liye Somvaar, Mahashivratri, aur Sawan ke din sabse shubh maane jaate hain. Aap kisi bhi din subah ke samay is pooja ko kar sakte hain.
Kya bina pandit ke Rudra Abhishek ho sakta hai?
Haan, agar aapko puja vidhi aur mantron ka gyaan hai to aap ghar par bina pandit ke bhi Rudra Abhishek kar sakte hain.
Rudra Abhishek ke liye kaun-kaun si samagri chahiye?
Rudra Abhishek ke liye aapko Shivling, gangajal, dudh, dahi, ghee, shahad, shakkar, belpatra, pushp, kapoor, aur mantra mala ki zarurat hoti hai.
Kya mahilayein Rudra Abhishek kar sakti hain?
Haan, mahilayein bhi pavitrata aur shraddha ke saath Rudra Abhishek ghar par kar sakti hain. Shiv bhakti mein koi bhedbhav nahi hai.
Rudra Abhishek mein kaunsa mantra bolna chahiye?
Is pooja mein aap “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे” (Mahamrityunjay Mantra), aur Rudrashtak ka paath kar sakte hain.
Shivling na ho to kya Rudra Abhishek ho sakta hai?
Agar aapke paas Shivling nahi hai to aap mitti k shivling banakar bhi pooja kr skte h ya ek pavitra patthar par bhi mantr ke saath abhishek kar sakte hain.
Rudra Abhishek ke kya labh hote hain?
Isse rog-nivaran, dukh door hona, man ki shanti, dhan-vriddhi, aur bhakti mein vriddhi hoti hai. Ye Shivji ko prasan karne ka shaktishaali upaay hai.