Jagannath Ashtakam Lyrics-श्री जगन्नाथ अष्टकम

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Jagannath Ashtakam is a powerful Sanskrit hymn of eight verses, composed by the great philosopher-saint Adi Shankaracharya in praise of Lord Jagannath of Puri.

Each verse eloquently describes the Lord’s divine form, his playful leelas in Vrindavan, his majestic abode on the shores of Puri (Nilachal Dham), and his boundless compassion. The hymn’s recurring refrain, “Jagannath Swami Nayan Path Gami Bhavatu Me” (May the Lord of the Universe be the object of my vision), is a heartfelt plea from a devotee yearning for the Lord’s divine sight.

Jagannath Ashtakam Lyrics

Sanskrit:
कदाचित् कालिन्दी तट विपिन सङ्गीत करवो,
मुदाभीरी नारी वदन कमला स्वाद मधुपः।
रमा शम्भु ब्रह्मा सुरपति गणेशार्चित पदो,
जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे॥

Hinglish:
Kadachit kalindi tata vipina sangeeta karavo,
Mudabhiri nari vadana kamala svada madhupah.
Rama Shambhu Brahma surapati Ganesarchita pado,
Jagannathah swami nayana patha gami bhavatu me.

हिंदी अनुवाद:
जो कभी यमुना नदी के किनारे के जंगलों में संगीत से सबका मन मोह लेते हैं, जो गोपियों के कमल रूपी मुख का रसपान करने वाले भौंरे हैं। जिनके पवित्र चरणों की पूजा देवी लक्ष्मी, भगवान शिव, ब्रह्मा, देवराज इंद्र और श्री गणेश करते हैं, वे ब्रह्मांड के स्वामी जगन्नाथ मेरी आँखों के सामने प्रकट हों।

Sanskrit:
भुजे सव्ये वेणुं शिरसि शिखिपिञ्छं कटितटे,
दुकूलं नेत्रान्ते सहचर-कटाक्षं विदधते।
सदा श्रीमद्‍-वृन्दावन-वसति-लीला-परिचयो,
जगन्नाथः स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे॥

Hinglish:
Bhuje savye venum shirasi shikhipincham katitate,
Dukoolam netrante sahachara-kataksham vidadhate.
Sada shrimad-vrindavana-vasati-leela-parichayo,
Jagannathah swami nayana-patha-gami bhavatu me.

हिंदी अनुवाद:
जिनके बाएं हाथ में बांसुरी है, मस्तक पर मोरपंख का मुकुट है और कमर पर रेशमी पीताम्बर वस्त्र सुशोभित है। जो अपने सहचरों (ग्वाल-बालों) पर हमेशा कृपा-दृष्टि रखते हैं। जो हमेशा वृन्दावन की पावन भूमि पर अपनी लीलाओं के लिए जाने जाते हैं, वे ब्रह्मांड के स्वामी जगन्नाथ मेरी आँखों के सामने प्रकट हों।

Sanskrit:
महाम्भोधेस्तीरे कनक रुचिरे नील शिखरे,
वसन् प्रासादान्तः सहज बलभद्रेण बलिना।
सुभद्रा मध्यस्थः सकलसुर सेवावसरदो,
जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे॥

Hinglish:
Mahambhodhestire kanaka ruchire neela shikhare,
Vasan prasadantah sahaja balabhadrena balina.
Subhadra madhyasthah sakalasura sevavasarado,
Jagannathah swami nayana patha gami bhavatu me.

हिंदी अनुवाद:
जो विशाल समुद्र के तट पर, सुनहरे और नीले शिखर वाले भव्य मंदिर में निवास करते हैं। जो अपने शक्तिशाली भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं, और जो सभी देवताओं को अपनी सेवा का अवसर प्रदान करते हैं, वे ब्रह्मांड के स्वामी जगन्नाथ मेरी आँखों के सामने प्रकट हों।

Sanskrit:
कृपा पारावारः सकलजलदश्रेणिरुचिरो,
रमावाणीरामः स्फुरदमलपङ्केरुहमुखः।
सुरेन्द्रैराराध्यः श्रुतिगणशिखागीतचरितो,
जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे॥

Hinglish:
Kripa-paravarah sajalajalada-shreniruchiro,
Ramavani-ramanah sphurad-amala-pankeruhamukhah.
Surendrair aradhyah shrutigana-shikha-gita-charito,
Jagannathah swami nayana patha gami bhavatu me.

हिंदी अनुवाद:
जो कृपा के सागर हैं, जिनकी कांति वर्षाकालीन बादलों की तरह सुंदर है। जो देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती के प्रिय हैं, और जिनका मुख खिले हुए निर्मल कमल के समान है। जिनकी पूजा सभी देव करते हैं और जिनके चरित्र का गुणगान वेदों में किया गया है, वे ब्रह्मांड के स्वामी जगन्नाथ मेरी आँखों के सामने प्रकट हों।

Sanskrit:
रथारूढो गच्छन् पथि मिलित भूदेव पटलैः,
स्तुति प्रादुर्भावं प्रतिपदमुपाकर्ण्य सदयः।
दया सिन्धुर्बन्धुः सकल जगतां सिन्धु सुतया,
जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे॥

Hinglish:
Ratharudho gachhan pathi milita-bhudeva-patalaih,
Stuti-pradurbhavam pratipadam-upakarnyam sadayah.
Daya-sindhur bandhuh sakala jagatam sindhu-sutaya,
Jagannathah swami nayana patha gami bhavatu me.

हिंदी अनुवाद:
जो रथ पर सवार होकर यात्रा करते हैं, और रास्ते में ब्राह्मणों के समूह द्वारा की गई स्तुतियों को हर कदम पर दयापूर्वक सुनते हैं। जो दया के सागर हैं, सभी लोकों के मित्र हैं और समुद्र की पुत्री लक्ष्मी के साथ हैं, वे ब्रह्मांड के स्वामी जगन्नाथ मेरी आँखों के सामने प्रकट हों।

Sanskrit:
परब्रह्मापीड़ः कुवलय-दलोत्‍फुल्ल-नयनो,
निवासी नीलाद्रौ निहित-चरणोऽनन्त-शिरसि।
रसानन्दी राधा-सरस-वपुरालिङ्गन-सुखो,
जगन्नाथः स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे॥

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Hinglish:
Parabrahmapidah kuvalaya-dalotphulla-nayano,
Nivasi niladrau nihita-charano’nanta-shirasi.
Rasanandi radha-sarasa-vapur-alingana-sukho,
Jagannathah swami nayana-patha-gami bhavatu me.

हिंदी अनुवाद:
जो परब्रह्म के मुकुटमणि हैं, जिनके नेत्र खिले हुए नीलकमल के समान हैं। जो नीलाद्रि (नीलगिरि पर्वत) पर निवास करते हैं और जिनके चरण शेषनाग के फन पर स्थित हैं। जो राधारानी के प्रेमपूर्ण आलिंगन के आनंद में डूबे रहते हैं, वे ब्रह्मांड के स्वामी जगन्नाथ मेरी आँखों के सामने प्रकट हों।

Sanskrit:
न वै याचे राज्यं न च कनकमाणिक्यविभवं,
न याचेऽहं रम्यां सकलजनकाम्यां वरवधूम्।
सदा काले काले प्रमथपतिना गीतचरितो,
जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे॥

Hinglish:
Na vai yache rajyam na cha kanaka-manikya-vibhavam,
Na yache’ham ramyam sakala-jana-kamyam varavadhum.
Sada kale kale pramatha-patina gita-charito,
Jagannathah swami nayana-patha-gami bhavatu me.

हिंदी अनुवाद:
मैं न तो कोई राज्य मांगता हूँ, न ही सोना, माणिक्य या कोई सांसारिक वैभव। मैं न ही कोई सुंदर और सबकी कामना योग्य वधू मांगता हूँ। मैं तो बस यही चाहता हूँ कि जिनके चरित्र का गुणगान स्वयं भगवान शिव हर समय करते रहते हैं, वे ब्रह्मांड के स्वामी जगन्नाथ मेरी आँखों के सामने प्रकट हों।

Sanskrit:
हर त्वं संसारं द्रुततरम् असारं सुरपते,
हर त्वं पापानां विततिम् अपरां यादवपते।
अहो दीनेऽनाथे निहित चरणो निश्चितमिदं,
जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे॥

Hinglish:
Hara tvam samsaram drutataram asaram surapate,
Hara tvam papanam vitatim aparam yadavapate.
Aho dine’nathe nihita-charano nishchitamidam,
Jagannathah swami nayana patha-gami bhavatu me.

हिंदी अनुवाद:
हे देवों के स्वामी! इस सारहीन संसार के दुखों को शीघ्र हर लीजिए। हे यदुपति! मेरे अनगिनत पापों के समूह को नष्ट कर दीजिए। हे प्रभु! आप हमेशा दीन-दुखियों और अनाथों पर अपनी चरण-कृपा रखते हैं, यह निश्चित है। हे जगन्नाथ स्वामी, आप मेरी आँखों के सामने प्रकट हों।

Sanskrit:
जगन्नाथाष्टकं पुण्यं यः पठेत् प्रयतह् शुचिः।
सर्वपापविशुद्धात्मा विष्णुलोकं स गच्छति॥

Hinglish:
Jagannath ashtakam punyam yah pathet prayatah shuchih,
Sarvapaapavishuddhatma vishnulokam sa gachchhati.

हिंदी अनुवाद:
जो कोई भी इस पुण्यमय जगन्नाथ अष्टकम का पवित्र और एकाग्र मन से पाठ करता है, वह सभी पापों से मुक्त होकर अंत में विष्णुलोक (वैकुंठ धाम) को प्राप्त करता है।

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FAQs

Jagannath Ashtakam kya hai?

Jagannath Ashtakam, 8 श्लोकों का एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। इसमें उनके विभिन्न रूपों, लीलाओं और महिमा का गुणगान किया गया है।

Jagannath Ashtakam kisne likha hai?

यह दिव्य स्तोत्र महान दार्शनिक और संत आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है।

Jagannath Ashtakam ka path karne or sunne ke kya fayde hain?

मान्यता है कि जो भी व्यक्ति पवित्र मन से इस अष्टकम का पाठ करता है या इसे सुनता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वह अंत में भगवान विष्णु के धाम, विष्णुलोक को प्राप्त करता है।

“नयन पथ गामी भवतु मे” का क्या मतलब है?

इस पंक्ति का अर्थ है, “आप मेरी आँखों के मार्ग पर चलने वाले बनें” या सरल शब्दों में, “आप मेरी आँखों के सामने प्रकट हों” या “मुझे आपके दर्शन हों”। यह भक्त की भगवान को देखने की गहरी इच्छा को व्यक्त करता है।

YOUTUBE LINK –Jagannath Ashtakam

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MEGHA PATIDAR

Megha patidar is a passionate website designer and blogger who is dedicated to Hindu mythology, drawing insights from sacred texts like the Vedas and Puranas, and making ancient wisdom accessible and engaging for all.

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