मिथुन संक्रांति 2025: इस समय करें स्नान और दान, पुण्य फल की होगी प्राप्तिसंक्रांति का दिन हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस घटना को ‘संक्रांति’ कहा जाता है। यह एक खगोलीय घटना होने के साथ-साथ एक धार्मिक पर्व भी है। वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं, और हर संक्रांति का अपना अलग महत्व होता है। इसी क्रम में मिथुन संक्रांति 2025 का पर्व भी विशेष फलदायी माना गया है।
मिथुन संक्रांति वह दिन है जब ग्रहों के राजा सूर्य देव अपनी वृषभ राशि की यात्रा समाप्त कर मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन से सूर्य मिथुन राशि में लगभग एक महीने तक विराजमान रहते हैं। यह पर्व मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा, पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य के कार्यों के लिए जाना जाता है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि मिथुन संक्रांति 2025 की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि क्या है।
क्या है मिथुन संक्रांति? (What is Mithun Sankranti?)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य का राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों पर गहरा प्रभाव डालता है। जब सूर्य देव बुध ग्रह की राशि ‘मिथुन’ में गोचर करते हैं, तो इसे मिथुन संक्रांति कहते हैं। यह समय वर्षा ऋतु के आगमन का भी संकेत देता है। भारत के कई हिस्सों, विशेषकर पूर्वी भारत में इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। उड़ीसा में इसे ‘रज पर्व’ के रूप में तीन दिनों तक मनाया जाता है, जहाँ धरती माता की पूजा की जाती है और कृषि कार्यों की शुरुआत होती है।
- क्या है मिथुन संक्रांति? (What is Mithun Sankranti?)
- मिथुन संक्रांति 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त (Mithun Sankranti 2025 Date and Shubh Muhurat)
- मिथुन संक्रांति का धार्मिक महत्व (Significance of Mithun Sankranti)
- मिथुन संक्रांति 2025 पर क्या करें दान? (What to Donate on Mithun Sankranti)
- मिथुन संक्रांति पूजा विधि (Mithun Sankranti Puja Vidhi)
- निष्कर्ष
- FAQs-
मिथुन संक्रांति 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त (Mithun Sankranti 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग की गणना के अनुसार, मिथुन संक्रांति 2025 का पर्व 15 जून 2025, दिन शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन स्नान, दान और पूजा के लिए पुण्य काल और महा पुण्य काल का विशेष महत्व होता है।
- संक्रांति का क्षण: 15 जून 2025 को प्रातः 12:28 बजे (अर्थात 14 जून की रात्रि के बाद)
- पुण्य काल: 15 जून 2025 को प्रातः 05:23 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक
- अवधि: 07 घंटे 05 मिनट
- महा पुण्य काल: 15 जून 2025 को प्रातः 10:15 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक
- अवधि: 02 घंटे 13 मिनट
नोट: पुण्य काल और महा पुण्य काल वह शुभ समय होता है जब स्नान, दान, जप, तप और पितरों का तर्पण करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
मिथुन संक्रांति का धार्मिक महत्व (Significance of Mithun Sankranti)
मिथुन संक्रांति का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत अधिक महत्व है।
- स्नान का महत्व: इस दिन गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यदि पवित्र नदी में स्नान संभव न हो, तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
- दान का महत्व: संक्रांति के दिन किया गया दान कई गुना अधिक फल देता है। इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
- सूर्य पूजा: सूर्य को आत्मा, पिता, स्वास्थ्य और मान-सम्मान का कारक माना गया है। मिथुन संक्रांति पर सूर्य देव की विशेष पूजा करने से व्यक्ति को आरोग्य, तेज और सफलता का वरदान मिलता है।
- पितरों का तर्पण: इस दिन पितरों के नाम से तर्पण और दान करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और परिवार पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।
मिथुन संक्रांति 2025 पर क्या करें दान? (What to Donate on Mithun Sankranti)
मिथुन राशि का स्वामी बुध है, जिसका रंग हरा होता है। इसलिए इस दिन हरी वस्तुओं का दान विशेष फलदायी माना जाता है। इसके अलावा, गर्मी के मौसम को देखते हुए भी दान की वस्तुएं चुनी जाती हैं।
- वस्त्र दान: गरीबों और ब्राह्मणों को हरे रंग के वस्त्र या सामान्य वस्त्रों का दान करें।
- अन्न दान: गेहूं, चावल, दाल और अन्य अनाज का दान करना शुभ होता है।
- गुड़ और तिल: संक्रांति पर गुड़ और तिल का दान बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
- जल का पात्र: गर्मी के मौसम में प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य है। आप मिट्टी के घड़े या पानी की बोतलें दान कर सकते हैं।
- मौसमी फल: आम, तरबूज जैसे मौसमी फलों का दान करें।
- गाय को चारा: इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने से बुध ग्रह और सूर्य देव दोनों प्रसन्न होते हैं।
मिथुन संक्रांति पूजा विधि (Mithun Sankranti Puja Vidhi)
मिथुन संक्रांति 2025 के दिन पुण्य फल प्राप्त करने के लिए इस सरल विधि से पूजा करें:
- ब्रह्म मुहूर्त में उठें: सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अपने नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं।
- पवित्र स्नान: किसी पवित्र नदी में या घर पर गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य को अर्घ्य दें: एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल, रोली, अक्षत, लाल फूल और थोड़ा सा गुड़ मिलाएं। अब सूर्य देव की ओर मुख करके “ॐ घृणि सूर्याय नमः” या सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें।
- पूजा स्थल पर पूजा: अपने घर के मंदिर में सूर्य देव की तस्वीर या यंत्र स्थापित करें। उन्हें लाल चंदन, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।
- मंत्र जाप: आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें या सूर्य देव के बीज मंत्र “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” का जाप करें।
- दान-पुण्य: पूजा के बाद अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार ऊपर बताई गई वस्तुओं का दान करें।
- सात्विक भोजन: इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें और किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन से दूर रहें।
निष्कर्ष
मिथुन संक्रांति 2025 का यह पावन पर्व हमें प्रकृति और परमात्मा से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन केवल एक खगोलीय परिवर्तन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा को संचित करने का एक सुनहरा मौका है। इस दिन शुभ मुहूर्त में किए गए स्नान, दान और पूजा से न केवल हमें पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। सूर्य देव की कृपा से आरोग्य, समृद्धि और सम्मान की प्राप्ति होती है। इसलिए, इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।
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FAQs-
Mithun Sankranti 2025 kab hai?
Mithun Sankranti 2025 15 June (Ravivaar) ko hai.
Is din kaun se kaam shubh hote hain?
Is din snan, daan, Surya pooja aur mantra jaap karna bahut shubh hota hai.
Mithun Sankranti par kis samay snan karna chahiye?
Punya Kaal mein snan karna chahiye – 15 June ko 11:38 AM se 1:45 PM tak.
Surya ko kaise arghya dena chahiye?
Tambe ke lota mein paani, roli, laal phool aur chawal dal kar Surya ko arghya dena chahiye.
Kis kis cheez ka daan karna chahiye?
Gur, ghee, vastra, tamba, phal, paankha aur ann ka daan karna shubh hota hai.
Kya is din vrat rakhna zaroori hai?
Nahi, vrat anivaarya nahi hai, par upvaas aur saatvik bhojan ka mahatva hai.
Mithun Sankranti kis rashiyon ke liye shubh hoti hai?
Mithun, Kark aur Tula rashi walon ke liye yah sankranti adhik labhdayak ho sakti hai.
Is din kis devta ki pooja ki jaati hai?
Surya dev, Bhagwan Vishnu aur Maharishi Kashyap ki pooja ka mahatva hai.
Kya is din grah dosh kam kiye ja sakte hain?
Haan, Surya pooja aur daan se grah dosh dur hote hain.
Kya mahilayein bhi Surya pooja kar sakti hain?
Haan, mahilaayein bhi snan, arghya aur daan kar sakti hain.
Kya naye kaam shuru kar sakte hain is din?
Haalanki din shubh hai, lekin bhumi khodai ya nirman ka kaam avoid karna chahiye.
Agar ganga snan sambhav na ho to kya karein?
Ghar par hi snan mein thoda sa gangajal milakar snan kar sakte hain.
Is din kaun sa mantra jaap karein?
“ॐ घृणि सूर्याय नमः” mantra ka 108 baar jaap karein.
Mithun Sankranti kis tithi ko aati hai?
Jab Surya Vrishabh se nikal kar Mithun rashi mein pravesh karta hai, tab aati hai.
Kya dikhawa karke daan karna chahiye?
Nahi, daan nishkam bhav se, bina dikhawa ke karna chahiye.