Rangpanchmi भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इसे विशेष रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर गुलाल और रंग डालकर खुशी का इजहार करते हैं।
रंगपंचमी केवल एक मौज-मस्ती का पर्व नहीं है, बल्कि इसका आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व भी है। इसे “देव होली” भी कहा जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि इस दिन देवता भी रंग खेलते हैं।
रंगपंचमी का इतिहास
रंगपंचमी का इतिहास बहुत पुराना है और यह भगवान कृष्ण के समय से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस दिन को नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा के प्रसार का प्रतीक माना जाता है।
रंगपंचमी के अवसर पर भारत के विभिन्न हिस्सों में भव्य आयोजन किए जाते हैं, जिनमें जुलूस, नृत्य, संगीत और रंगों का विशेष प्रयोग शामिल होता है।
पौराणिक मान्यताएँ
- भगवान कृष्ण और राधा की कथा – यह माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन गोपियों और राधा के साथ रंग खेला था, जिससे यह त्योहार जुड़ा हुआ है।
- देवताओं का उत्सव – ऐसा कहा जाता है कि रंगपंचमी के दिन देवता भी आनंद मनाते हैं और धरती पर विशेष कृपा बरसाते हैं।
- रंगों का आध्यात्मिक महत्व – हिंदू धर्म में रंगों को ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
भारत में रंगपंचमी का महत्व
रंगपंचमी का महत्व केवल आनंद और उल्लास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में भाईचारे और मेल-जोल को बढ़ावा देने वाला पर्व भी है।
- मध्य प्रदेश – यहाँ इंदौर और भोपाल में रंगपंचमी का विशेष महत्व है।
- महाराष्ट्र – यहाँ इसे भक्ति और उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
- राजस्थान और गुजरात – यहाँ के लोग हर्बल रंगों का उपयोग करते हैं और पारंपरिक गीत-संगीत के साथ इसे मनाते हैं।
मध्य प्रदेश में रंगपंचमी उत्सव
इंदौर की गेर
इंदौर की “गेर” भारत के सबसे प्रसिद्ध रंगपंचमी आयोजनों में से एक है।
- यह राजवाड़ा से शुरू होती है और पूरे शहर में घूमती है।
- इसमें हजारों लोग शामिल होते हैं और गुलाल, पानी के फव्वारे और डीजे की धुनों पर रंग खेलते हैं।
- यह आयोजन देश-विदेश में प्रसिद्ध है और हर साल लाखों पर्यटक इसे देखने आते हैं।
भोपाल का चल समारोह
भोपाल में रंगपंचमी पर भव्य चल समारोह निकाला जाता है, जिसमें –
- रथ, झांकियाँ और नृत्य दल भाग लेते हैं।
- ढोल-नगाड़ों के साथ पारंपरिक गीत-संगीत का आयोजन किया जाता है।
रंगपंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त (2025)
रंगपंचमी 2025 की तिथि: 19 मार्च, बुधवार
पंचमी तिथि शुरू: 18 मार्च 2025, रात 10:09 बजे
पंचमी तिथि समाप्त: 20 मार्च 2025, रात 12:36 बजे
शुभ मुहूर्त: 19 मार्च, सुबह 10:57 से दोपहर 12:44 तक
रंगपंचमी पर विशेष पकवान
रंगपंचमी के अवसर पर विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं –
- मध्य प्रदेश – पोहा-जलेबी, दही बड़ा
- महाराष्ट्र – पूरन पोली, श्रीखंड
- राजस्थान – घेवर, मालपुआ
- गुजरात – फाफड़ा, थेपला
रंगपंचमी के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम
रंगपंचमी के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें –
लोक नृत्य और संगीत
धार्मिक झांकियाँ और भक्ति संध्या
ढोल-नगाड़ों के साथ रंग उत्सव
रंगपंचमी और पर्यावरण
आजकल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, इसलिए –
प्राकृतिक और हर्बल रंगों का उपयोग करें।
केमिकल रंगों से बचें, क्योंकि वे त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
प्लास्टिक की जगह इको-फ्रेंडली गुलाल अपनाएं।
रंगपंचमी मनाने के सुरक्षा उपाय
सुरक्षित और आनंदमय रंगपंचमी मनाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें –
हर्बल रंगों का प्रयोग करें।
आँखों और त्वचा की सुरक्षा के लिए क्रीम या तेल लगाएं।
छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
शराब या नशे से बचें और त्योहार को शालीनता से मनाएं।
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FAQs
Rangpanchmi kab hai ?
2025 mein rangpanchmi 19 March ko hai.
Rangpanchmi kis din manayi jati hai?
Rangpanchmi Holi ke 5 din baad manayi jati hai. 2025 mein yeh 19 March ko hogi.
Indore ki Ger kya hoti hai?
Indore ki “Ger” ek anokha juloos hai jo Rajwada se shuru hota hai aur puro shahar mein ghoomta hai. Is juloos mein dhol, DJ aur paani ke spray ke sath hazaron log rang khelenge.
Kya is din bhi Holi jaisa mahol hota hai?
Haan, lekin yeh Holi se alag hai.
Maharashtra mein Rangpanchmi kaise manate hain?
Puran Poli aur Shrikhand kha kar, aur dhol-tashe ke saath dance karte hain.
Kya yeh sirf Hindu tyohar hai?
Nahi, ise sabhi dharm ke log manate hain.
Rangpanchmi kis rajya mein sabse jyada mashhoor hai?
Yeh tyohar Madhya Pradesh (Indore, Bhopal), Maharashtra (Pune, Nashik), Rajasthan aur Gujarat mein bahut lokpriya hai.
Rangpanchmi ka sambandh Bhagwan Krishna se hai?
Haan, yeh mana jata hai ki Bhagwan Krishna ne apni sakhiyaan aur gopiyon ke sath Rangpanchmi par rang khela tha.
Kya rangpanchmi ke din sarkari chhutti hoti hai?
Madhya Pradesh, Maharashtra aur Rajasthan ke kai jagah sarkari chhutti hoti hai, lekin yeh rajya vishesh hota hai.
Rangpanchmi aur Holi mein kya antar hai?
Holi ek adhyatmik aur dharmik tyohar hai jisme Holika Dahan hota hai, jabki Rangpanchmi ek manoranjan aur anand ka tyohar hai jisme sirf rang khelenge jate hain.
Maharashtra mein Rangpanchmi kaise manate hain?
Maharashtra mein dhol-tasha, dance aur bhakti bhajan ke sath Rangpanchmi ka anand liya jata hai.
Kya Rangpanchmi sirf Bharat mein manaya jata hai?
Nahi, Nepal, Mauritius, Trinidad, Fiji aur Guyana jaise deshon mein bhi yeh tyohar mana jata hai.
Rangpanchmi ka sabse bada juloos kahan hota hai?
Indore ki Ger sabse bada juloos mana jata hai.