BY MEGHA PATIDAR
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प्राचीनतम ज्योतिर्लिंग, सोमनाथ भगवान शिव की अद्भुत महिमा को दर्शाता है। यह अरब सागर के तट पर स्थित है।
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यह ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम पर्वत पर स्थित है और इसे "कालेश्वरम" के नाम से भी जाना जाता है।
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उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर भगवान शिव के रुद्र रूप का प्रतीक है। यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है।
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नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर को 'ओम' आकार का पवित्र स्थल माना जाता है।
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हिमालय की ऊंचाई पर स्थित, केदारनाथ का मंदिर अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और आस्था का केंद्र है।
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यह सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है और शिव के वीरता रूप को दर्शाता है।
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वाराणसी में स्थित यह ज्योतिर्लिंग मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।
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गोदावरी नदी के तट पर स्थित यह स्थान ऋषि गौतम की तपस्या से पवित्र हुआ।
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यह स्थल शिव और शक्ति का मिलन स्थल है और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करता है।
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यह स्थल शिव के रक्षा स्वरूप का प्रतीक है और द्वारका के पास स्थित है।
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रामेश्वरम वह स्थान है, जहां भगवान राम ने समुद्र पर पुल बनाने से पहले शिवलिंग की स्थापना की थी।
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यह ज्योतिर्लिंग एलोरा की गुफाओं के पास स्थित है और शिव की करुणा को दर्शाता है।
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