– मोक्ष प्राप्ति का पावन अवसर – गीता के दिव्य उपदेशों का स्मरण

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती 

MEGHA PATIDAR

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– मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी – पापों का नाश करने वाली तिथि – मोक्ष प्राप्ति और पितरों का उद्धार

मोक्षदा एकादशी का परिचय

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पौराणिक कथा 

– राजा वैखानस ने स्वप्न में पितरों को नरक में देखा। – मुनि पर्वत के निर्देशानुसार व्रत किया। – व्रत के पुण्य से पितरों को मोक्ष प्राप्त हुआ।

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गीता जयंती का महत्व

– भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का ज्ञान दिया। – धर्म, कर्म, और भक्ति का मार्गदर्शन। – मानवता के लिए आदर्श उपदेश।

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पूजा विधि 

– तुलसी मंजरी, दीप, और नैवेद्य से भगवान की पूजा करें। – श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें। – रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन।

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व्रत का महत्व

– मोक्ष प्राप्ति और पितरों का उद्धार। – आत्मा की शुद्धि और पापों का नाश। – वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य।

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निष्कर्ष 

– मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती पवित्र तिथियाँ हैं। – धर्म, भक्ति, और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग। – इस दिन व्रत, पूजा और गीता का पाठ अवश्य करें।

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अपने पितरों की मुक्ति और आत्मा की शुद्धि के लिए इस मोक्षदा एकादशी पर व्रत करें। गीता के उपदेशों को अपनाएँ और मोक्ष प्राप्त करें।

अंतिम संदेश

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