राधा अष्टमी

By Deepika Patidar 10/09/24

राधा अष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका और आध्यात्मिक संगिनी श्री राधा जी का जन्मोत्सव है। इसे श्री राधा जन्माष्टमी के 15 दिन बाद मनाया जाता है।

2024 में राधा अष्टमी 11 सितंबर को मनाई जाएगी। यह पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

राधा अष्टमी कब है 2024 में?

राधा अष्टमी पर भक्तजन राधा जी की पूजा करते हैं और उनके साथ भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य प्रेम की महिमा का गुणगान करते हैं। इस दिन व्रत रखना और भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है।

राधा अष्टमी का धार्मिक महत्व

इस दिन राधा जी का श्रृंगार किया जाता है। भक्तजन सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करते हैं। फिर राधा-कृष्ण की मूर्ति की पूजा करते हैं और उन्हें फूल, मिष्ठान, और धूप-दीप अर्पित करते हैं।

पूजा विधि

जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, वे दिनभर निराहार रहते हैं और रात्रि में फलाहार करते हैं। व्रत से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक लाभ होता है।

राधा अष्टमी व्रत का महत्व

राधा अष्टमी के दिन राधा-कृष्ण की प्रेम कथा का गायन किया जाता है। इस कथा से भक्तों को भक्ति और प्रेम की अद्वितीय प्रेरणा मिलती है।

राधा-कृष्ण की प्रेम लीला

विशेष रूप से मथुरा, वृंदावन और बरसाना में राधा अष्टमी पर भव्य उत्सव मनाया जाता है। यहाँ हजारों भक्त एकत्र होते हैं और विशेष पूजा-पाठ और झांकी का आयोजन करते हैं।

राधा अष्टमी पर विशेष स्थानों पर उत्सव

राधा अष्टमी पर राधा जी की कृपा पाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और उनके जीवन में प्रेम, शांति और समृद्धि आती है।

राधा अष्टमी का आशीर्वाद

राधा अष्टमी पर करें शुभ कार्य

राधा अष्टमी के दिन दान, पूजा और सेवा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन जरूरतमंदों की सहायता करें और भगवान से आत्मिक उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त करें।