वरुणी पर्व – कब, क्यों और कहाँ मनाया जाता है?
By-Deepika Patidar
March 26, 2025
वरुणी पर्व हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान वरुण को समर्पित है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से!
यह एक पवित्र हिंदू त्योहार है, जो भगवान वरुण (जल के देवता) की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
वरुणी पर्व क्या है?
यह चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। 27 मार्च 2025, गुरुवार को वरुणी पर्व मनाया जाएगा।
2025 में वरुणी पर्व कब है?
यह मुख्य रूप से
दक्षिण भारत (तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक)
और
महाराष्ट्र
में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
भारत में कहाँ-कहाँ होता है यह पर्व?
इस दिन भगवान वरुण की पूजा करके
जल संरक्षण, शुद्धता और अच्छी वर्षा
की कामना की जाती है।
वरुणी पर्व क्यों मनाया जाता है?
-प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- जल में कुमकुम, फूल और अक्षत डालकर भगवान वरुण का आह्वान करें।
-श्री वरुण मंत्र का जाप करें और आरती करें।
वरुणी पर्व की पूजा कैसे करें?
वरुण मंत्र "ॐ वरुणाय नमः" का जाप करने से जलदोष दूर होते हैं और जीवन में शांति व समृद्धि आती है। इस दिन 108 बार मंत्र जाप करना शुभ माना जाता है।
वरुण मंत्र का जाप क्यों करें?
मान्यता है कि इस दिन
देवताओं और दानवों ने समुद्र मंथन किया था
, जिसमें वरुण देवता ने जल की रक्षा की थी।
वरुणी पर्व से जुड़ी पौराणिक कथा
वरुणी पर्व जल का पवित्र उत्सव है, यह पर्व हमें
जल संरक्षण और प्रकृति की रक्षा
का संदेश देता है। इस बार वरुणी पर्व पर पूजा करें और शुभ फल प्राप्त करें!
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