नवरात्रि में माँ गौरी की स्तुति से मिलता है मनोवांछित वरदान
नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ गौरी की पूजा-आराधना करने से भक्तों को मनचाहा फल और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Deepika Patidar
माँ गौरी कौन हैं?
माँ गौरी शक्ति और सौम्यता का प्रतीक हैं। ये माँ पार्वती का ही रूप हैं, जो भक्तों के कष्ट हरकर उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।
नवरात्रि में माँ गौरी की पूजा का महत्व
शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन (महाष्टमी) माँ गौरी की विशेष पूजा की जाती है। इससे घर में सुख-शांति और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
माँ गौरी की स्तुति के मंत्र
"या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।"
इस मंत्र का जाप करने से मिलता है आशीर्वाद।
पूजा विधि
– सुबह स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें।
– माँ गौरी को सिंदूर, फूल और मेवा अर्पित करें।
– घीका दीपक लाएँ और आरती करें।
माँ को प्रिय हैं ये चीज़ें
– सफेद फूल (केवड़ा, चमेली)
– नारियल, हलवा और खीर का भोग।
– सिंदूर और चूड़ियाँ अर्पित करें।।
मनोवांछित फल की प्राप्ति
माँ गौरी की कृपा से विवाह, संतान सुख और धन-समृद्धि के रास्ते खुलते हैं। सच्चे मन से की गई पूजा अवश्य फलदायी होती है।
इस नवरात्रि, माँ गौरी के चरणों में श्रद्धा रखें और उनका आशीर्वाद पाएँ।
जय माता दी!
नवरात्रि में माँ गौरी की पूजा का विशेष महत्व