Site icon HINDU DHARMAS

15. गले की सूजन एवं दर्द (Gargles for Sore Throat)

गले की सूजन एवं दर्द के लिए सामग्री एवं विधि–

फूली फिटकरी दो ग्राम (आधा चम्मच) २५० ग्राम गर्म पानी में डालकर दिन में दो-तीन बार गरारें करें। इससे गले की सूजन एवं दर्द दूर होता है। यह सम्भव नहीं हो तो केवल नमक आधा चम्मच एक गिलास गर्म पानी में डालकर गरारे करने से भी लाभ होता है।

विशेष—

इससे गले में दर्द एवं सूजन के अतिरिक्त गला रूँधा सा रहने पर, बिना एक-दो बार खाँसे आवाज नहीं निकलती हो, गले में एकदम चिकना गाढ़ा मवाद जैसा कफ निकलता हो जिसकी वजह से मुँह एकदम चिकना रहता है, कोई मीठी या मैंदे की वस्तु नहीं खा पाना, गले की खराश आदि शिकायतें दूर होती है। इससे गले में दोनों तरफ की गाँठें जो कभी-कभी फूल जाती है और दर्द जिसके कारण खाया-पिया नहीं जाता और बुखार भी आ जाता है तो ऐसे टांसिल्स में भी लाभ होता है। गले के भीतर के छाले भी नष्ट होते हैं।

अन्य विकल्प –

(१) गले की सूजन व दर्द के लिए १० ग्राम (दो चम्मच) अजवायन ५०० ग्राम पानी में १५ मिनट तक उबाल-छान काढ़ा बना लें। थोड़ा सा नमक डालकर गरारे दिन में दो बार सुबह और रात्रि में सोने से पहले करने से तुरन्त लाभ होता है। अगर गले में सूजन आ गई हो तथा कफ अधिक निकलता हो तो दो ग्राम अजवायन सोने से पहले चबाकर ऊपर से गर्म पानी पी लें। इससे कफ की उत्पत्ति कम होती है।
(२) गले के दर्द में धनिया सूखा और मिश्री बराबर वजन मिलाकर एक चम्मच की मात्रा से दिन में दो-तीन बार चबायें।

आवश्यकतानुसार दो-तीन दिन खाएँ। मुख के छालों में भी यह लाभप्रद है।

Exit mobile version