सत्यनारायणजी की आरती
श्री जय लक्ष्मी रमणा श्री जय लक्ष्मी रमणा, सत्यनारायण स्वामी जन पातक हरणा।। टेक ।। रत्नजड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे, नारद करत निरंजन घण्टा ध्वनि बाजे ।। जय. ।। प्रकट भये कलि कारण द्विज को दरश दियो, बूढ़ो ब्राह्मण बनके…
श्री जय लक्ष्मी रमणा श्री जय लक्ष्मी रमणा, सत्यनारायण स्वामी जन पातक हरणा।। टेक ।। रत्नजड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे, नारद करत निरंजन घण्टा ध्वनि बाजे ।। जय. ।। प्रकट भये कलि कारण द्विज को दरश दियो, बूढ़ो ब्राह्मण बनके…
माघ मास हिंदू पंचांग का ग्यारहवां महीना है और इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस महीने में किए गए व्रत, दान, और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। माघ महीने में स्नान, व्रत, और…
सत्यनारायण भगवान व्रत कथा वर्ष भर में जितनी भी पूर्णमासी (पूनम) होती हैं। इन सभी में सत्यनारायण का व्रत करें, कथा सुनें, प्रसाद ग्रहण करें और एक समय भोजन करें। कभी साल में १३ महीने भी हो जाते हैं। जिसे अधिक मास…
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को हर साल स्कंद षष्ठी या चंपा षष्ठी व्रत मनाया जाता है। इस वर्ष यह पावन व्रत 7 दिसंबर 2024 को मनाया जा रहा है। यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती…
नर्मदाष्टकम् स्तोत्रं – सबिंदु सिंधुसुरखलत्तरंगभंग रंजितं द्विषत्सु पापजातजातकारिवारि संयुतम् । कृतांतदूतकालभूतभीतिहारि वर्मदे त्वदीयपादपंकज नमामि देवी नर्मदे ॥ १ ॥ त्वदीयपादपंकज नमामि देवी नर्मदे त्वदंबुलीनदीनमीन दिव्यसंप्रादायकं कलौ मलौघभारहारि सर्वतीर्थनायकम् । सुमत्स्यकच्छनक्रचक्रचक्रवाक शर्मदे ॥ २ ॥ त्वदीयपादपंकज नमामि देवी नर्मदे महागभीरनीरपूरपापधूतभूतलं ध्वत्समस्तपातकारिदारितापदाचलम्…
रूप चौदस का महत्व रूप चौदस को बैकुण्ठी चौदस के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन यमराज और हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन को बुराई, पाप और नकारात्मकता से मुक्ति प्राप्त करने के…
दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसे रोशनी का पर्व कहना भी ठीक लगता है। जिस प्रकार रक्षा-बंधन ब्राह्मणों का, दशहरा क्षत्रियों का, होली शूद्रों का त्यौहार है, उसी…
श्री विन्ध्येश्वरी मैया की आरती हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। माँ विन्ध्येश्वरी को शक्ति, शक्ति स्वरूपा और साक्षात महादुर्गा का अवतार माना जाता है। यह आरती भक्तों द्वारा माँ के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने का…
श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब। सन्तजनों के काज में मां करती नहीं विलम्ब ॥ जय जय विन्ध्याचल रानी । आदि शक्ति जग विदित भवानी ।। सिंहवाहिनी जै जग माता । जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता ।। कष्ट निवारिणी जय जग…